
नवरात्र के दूसरे दिन मंदिरों में भक्तों ने की पूजा-अर्चना
मोहाली 14 अप्रैल (विजय )। मोहाली में नवरात्र के दूसरे दिन भी मंदिरों में भक्तों और पुजारियों को पूजा-अर्चना करते देखा गया। एक ओर जहां पहले कोरोना काल से पहले के दिनों में खास करके नवरात्रों के दिनों में मोहाली शहर के अंदर स्थित मंदिरों में काफी चहल-पहल होती थी और श्रद्वालुओं की भारी भीड़ एकत्रित होती थी , परन्तु कोरोना काल से यह नजारा लगभग सभी मंदिरों में बदला-बदला सा है । एक ओर जहां लोग मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए कम संख्या में आ रहे हैं। वहीं मंदिर कमेटियों और पूजारियों की ओर से भी सरकार की ओर से कोरोना काल में जारी गाईड लाइन का पालन किया जा रहा है।
वहीं विक्रमी संवत 2078 प्रारंभ होने के शुभ अवसर पर चैत्र नवरात्रि के शुभ उपलक्ष में एवं भारतीय नव वर्ष आरंभ होने के पावन एवं मंगलमय अवसर पर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर फेस 11 मोहाली में प्रथम दिवस प्रथम नवरात्रि पर श्री दुर्गा जी के तीनों रूप श्री महाकाली, श्री महालक्ष्मी, श्री महा सरस्वती का पूजन वैदिक विधान से किया गया । श्री दुर्गा जी का पूजन करने के पश्चात घट स्थापन किया गया। घट स्थापन के पश्चात श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर महिला संकीर्तन मंडल के द्वारा माता के पावन भजन एवं संकीर्तन किया गया। इस शुभ अवसर पर मंदिर के प्रधान प्रमोद मिश्रा मंदिर के सेक्रेटरी गगन गुलेरिया, मंदिर के कोषाध्यक्ष प्रीतम सिंह राणा, जी दीपक गुप्ता ने बताया कि मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए कोरोना से बचाव के लिए सरकार व प्रशासन की ओर से जारी सभी तरह के नियमों एवम गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। इसके अलावा भक्तों को भी नियमों में रह कर ही पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी जा रही है। इस दौरान संकीर्तन मंडली की तरफ से श्रीमती कैलाश मिश्रा, श्रीमती सुनीता, श्रीमती सुमन, श्रीमती सरिता ,श्रीमती अंजू एवं अन्य श्रद्धालुओं के द्वारा माता का पूजन एवं संकीर्तन करवाया गया। महिलाओं ने बताया कि इस पावन अवसर पर इस बार विशेष ध्यान रखा गया है। कोविड-19 को देखते हुए मंदिर में पूर्ण सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि जब भी मंदिर में प्रवेश करें तो मास्क अवश्य पहने एवं हाथों को अच्छी तरह स्वच्छ करके ही मंदिर में प्रवेश करें। सभी से मंदिर समिति के द्वारा अनुरोध किया गया है। सभी श्रद्धालु दूरी बना कर रखें , ताकि इस पावन अवसर पर मंदिर में दर्शन भी हो जाए और अपनी सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों की भी सुरक्षा रहे । इस प्रकार की सभी व्यवस्थाएं मंदिर समिति की तरफ से करवाई गई है। सभी श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते हुए एक-एक करके मंदिर में माता के पावन दर्शन कर रहे हैं। कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करते हुए इस पवित्र उत्सव को मंदिर में मनाया जा रहा है।
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