
मौजूदा सरकार ने मोहाली शहर को कंक्रीट और व्यवासयिक जंगल बनाया
मोहाली 14 अप्रैल (विजय )। मोहाली में पिछले कुछ सालों से जिस तरह खेतीबाड़ी व अन्य तरह की उपजाऊ जमीनों को सरकार अपने कुछ लाभ के खातिर निजी डेवलपरज के हाथों बेच रही है, और लोगों की सुविधाओं के लिए सडक़ एवंम अन्य तरह के इंफ्रास्ट्रचर का ध्यान नहीं रखा जा रहा है । इससे एक दिन यही प्रोजेक्ट व जगहों पर बनने वाली प्राईवेट कर्मशियल सुविधाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उपरोक्त विचार आम आदमी पार्टी जिला मोहाली के पूर्व प्रधान और पंजाब स्टेट के महासचिव (डाक्टर सैल) डा. सन्नी आहलुवालिया ने मोहाली में लगातार हो रही खेतीबाड़ी की कीमती जमीनों पर बड़ी -बड़ी इमारतों और बढ़ रहे रियल अस्टेट के कारोबार पर व्यक्त किए।
आप लीडर डा. सन्नी आहलुवालिया ने मौजूदा और राज्य की पूर्व अकाली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक ओर जहां मौजूदा सरकार को शराब और भू-माफिया चला रही है, वहीं राज्य की पूर्व शिअद सरकार ने भी सूबे का कम विनाश नहीं किया और राज्य के लोगों को रोजगार देने के वजाए यहां के किसानें की जमीनें बेची और भू-माफिया और शराब माफिया हो ही बढ़ावा दिया। डा. सन्नी आहलुवालिया ने मोहाली जिले में बन रहे प्राईवेटों के बड़ृे-बड़े प्रोजेक्टों आदि पर सरकार को घेरते हुए कहा कि न तो सहीं सडक़ों, वाहन पार्किंग के लिए जगह और न ही अन्य तरह का इन्फा्रस्ट्रक् चर खड़ा किया जा रहा है। जिससे भविष्य में यहां कारोड़ों रूपए खर्च कर महंगी भाव में जमीन ले कर घर आदि बनाने वालों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि मोहाली जिला एक तरह से कं क्रीट और व्यवासायिक जंगल बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मोहाली से जहां कहीं से भी गुजरों तरह तरफ-धूल-मिट्टी के सिवाए और कुछ नहीं दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि जिन चीजों को सरकार चंद पैसों की लालज में सरकारी जमीनों को बेच रही है और वहां इतनी तादाद में कर्मशियल दूकानें आदि बनाई जा रही है, असल में देखा जाए तो क्या इतनी तादाद में कुछ ही दूरी पर बनने वाले कर्मशियल साइटों की वहां के लोगों को जरूरत भी है। लेकिन सरकार फंड बनाने के लिए ऐसा सब कुछ कर रही है, जो मोहाली वासियों के हित में नहीं है। डा. आहलुवालियां ने कहा कि सरकार ने मोहाली में अनेकों प्रोजेक्टों को प्राईवेटों को विकास करने के लिए दिया, लेकिन बिना किसी तरह का कोई पूर्ण तौर पर विकास हुए ही अगले प्रोजेक्टों के लिए जमीनें बेची और खरीदी जा रही हैं।
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