
मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा कर भक्तों ने मांगी मन्नतें
मोहाली 15 अप्रैल ()। मोहाली में नवरात्रे के तीसरे दिन भी मंदिरोंं में भक्तों को कोरोना नियमों का पालन करते हुए पूजा -अर्चना करते हुए देखा गया । इस दिन भी मंदिर में आने वाले लोगों व श्रद्वालुओं को कोरोना नियमों के लिए जारी सरकारी आदेशों का पालन करना पड़ा और मंदिरों के पुजारियों ने भी अपनी मर्यादा में रह कर पूजा-पाठ करवाया तथा मां चंद्रघंटा की पूजा कर दुश्मनों पर विजय आदि पाने की शक्ति मांगी।
मोहाली में नवरात्र के तीसरे दिन पूजा-पाठ करने और माथा टेकने आए भक्तों और पुजारियों अनुसार इस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि माता के ललाट पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है, इसलिए माता को चंद्रघंटा के नाम से पुकारा जाता है। पुजारियों का कहना है कि माता ने असुरों का नाश करने के लिए इस रूप को धारण किया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां चंद्रघंटा की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर वीरता और निर्भयता आती है और उसके समस्त डर और परेशानियां दूर हो जाती हैं।
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कैसा है मां चंद्रघंटा का स्वरूप: पंडित सुनील शर्मा
मोहाली। मोहाली के पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि मां चंद्रघंटा का स्वरूप सौम्य और शांति से भरा है और देवी को कल्याणकारी माना गया है। देवी की सवारी शेर है। माता चंद्रघंटा की दस भुजाएं हैं और उन्होंने हर एक भुजा में धनुष, त्रिशुल, तलवार और गदा जैसे शस्त्रों को धारण कर रखा है। मां चंद्रघंटा का यह रूप मोहक और अलौकिक है और माता की कृपा से कई बार भक्त को दिव्य सुगंधियों या दिव्य ध्वनियों का भी अनुभव होता है।
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विश्व ब्राहमण परिषद अध्यक्ष को किया सम्मानित
मोहाली। पावन नवरात्रे के शुभ अवसर पर महामाई जी के दर्शन के लिए फेस-3बी2 के मन्दिर मे पहुचने पर राजवंत राय शर्मा अध्यक्ष विश्व ब्राह्मण परिषद एवम सदस्य पंजाब गौ सेवा कमिशन का विशेष तौर पर सम्मान किया गया। इस दौरान उनके सम्मान के लिए श्री केन्द्रीय पुजारी परिषद के सदस्य आचार्य वसुदेव जोशी, आचार्य वरिंदर क्रिशन शास्त्री के अलावा अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
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