लॉकडाउन कोरोना वायरस की समस्या का हल नहीं है: मान
मोहाली 21 अप्रैल (विजय)। लॉकडाउन कोरोना वायरस की समस्या का समाधान नहीं है। कोरोना से बचाए गए लोग निश्चित रूप से भूख से मर जायेंगे। लॉकडाउन नागरिकों को एक दंड है। इसे बिल्कुल नहीं लगाया जाना चाहिए। उपरोक्त विचार पंजाब डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष गुरकिरपाल सिंह मान ने मोहाली और चंडीगढ़ में बुधवार को लगाए गए लॉकडाऊन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रगट की।
अध्यक्ष, पंजाब डेमोक्रेटिक पार्टी गुरकिरपाल सिंह ने मान ने कहा कि लॉकडाऊन यह उन लोगों को ब्लैकमेल करने की भी तकनीक है , जो कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते थे। सरकार ने कोरोना वायरस पर पिछले साल करोड़ों खर्च किए हैं और अब सरकार लोगों में मन में भय डाल कर अपने सभी टीके के स्टॉक को बेचना चाहती है। भारत में कोरोना बहुत गंभीर बीमारी नहीं है, अधिक लोग हार्ट, ब्रेन, किडनी, लिवर, शुगर, डायबिटीज बीमारियों से मरते हैं। मान ने कहा कि सरकार नागरिकों के मन में भय इसलिए भी डाल रही है ं , ताकि वे उन विषयों से भटक जाएँ, जिन पर मोदी सरकार कुल विफल रही है। मोदी सरकार गरीब और मध्यम वर्ग के नागरिकों को इस तरह की मौत के जाल और ब्लैकमेलिंग तकनीकों से परेशान कर रही है। यह भारत में किसानों के मुद्दे को दबाने के लिए भी किया जा रहा है, जहां किसानों ने तीनों काले कानूनों को रद्द करने की मांग की है और अभी भी संघर्ष जारी है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पूरे राज्य में तालाबंदी कर केंद्र सरकार के निर्देशों पर काम कर रही है। यह भी सुना जा रहा है कि जिन नागरिकों ने पहले ही वैक्सीन शॉट्स ले लिए थे, वे अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। इस तरह यह घोषित किया जाता है कि मोदी सरकार महामारी को संभालने में विफल रही है, और आम लोगों की मांगों को सुनने में भी विफल रही है जिसमें किसान, मजदूर, मध्यम वर्ग और गरीब लोग शामिल हैं। पार्टी कार्यालय में उपस्थित पीडीपी अध्यक्ष गुरकिरपाल सिंह मान ने कहा कि इस पर सभी सरकारों को गंभीरतापूर्वक ध्यान देना चाहिए और देश हित में काम करना चाहिए, वरना देश आर्थिक-भुख मरी, लाचारी व अन्य तरह की बीमारियों से पीडि़त हो जाएगा जिसे बाहर निकालना आसान नहीं होगा।
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