जॉर्डन में ताइक्वांडो पैरालिंपिक क्वालिफिकेशन राउंड में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की खिलाड़ी

मोहाली 24 अप्रैल (विजय)। अगर आपकी लगन, मेहनत, समर्पण, दृढ़ निश्चय परिपक्व है, तो शारीरिक चुनौतियां भी आपके रास्ते में बाधा नहीं बन सकतीं, यह कथन चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में बीपीएड की छात्रा अरुणा तनवर ने साबित कर दिया है। अरुणा तनवर देश की पहली महिला एथलीट हैं, जिसने ताईक्वांडो पैरालिंपिक क्वालिफिकेशन राउंड में जगह बनाई है। 21 मई, 2०21 को जॉर्डन में होने वाले ताईक्वांडो पैरालिंपिक क्वालिफिकेशन राउंड में अरुणा की जीत टो1यो पैरालिंपिक्स के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी, जो पूरे देश के लिए गौरव का विषय है। स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, लखनऊ ने ताइक्वांडो पैरालिंपिक क्वालिफिकेशन राउंड के लिए अरुणा तनवर का चयन किया है।
हरियाणा के भिवानी जिले के छोटे से गाँव दिनौड़ में जन्मी अरुणा तनवर जन्म से ही विकलांग थीं, लेकिन अरुणा के जज्बे ने न केवल कम उम्र में शारीरिक विकलांगता को हराया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। खेलों के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता ने उन्हें इतना मजबूत बना दिया कि आज उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार उपल4िधयां हासिल करके देश को गौरवान्वित किया है। अरुणा की उपल4िधयों की बात करें तो प्राइवेट ड्राइवर पिता नरेश तनवर और मां सोनिया तनवर को अरुणा के बुलंद हौसलों ने कभी यह महसूस नहीं होने दिया गया कि उनकी बेटी विकलांग थी।
इतना ही नहीं, अरुणा ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में जीत हासिल कर देश का गौरव बढ़ाया है, वहीं देश में राष्ट्रीय स्तर रैंक 1 और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, दुनियाभर में तीसरा रैंक हासिल किया है, वहीं 31 जनवरी, २०21 को तीसरी पैराताईक्वांडो हरियाणा स्टेट चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। अरुणा 2०17-18 और 19 में लगातार 3 साल तक नेशनल पैराताईक्वांडो गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं। 2०17-18 में हुई 15वीं पैरालंपिक चैंपियनशिप के दौरान जहां गोल्ड मेडल अपने नाम किया, वहीं साल 2०18 में वियतनाम में हुई 4वीं एशियाई पैराताईक्वांडो चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया। साल 2०19 में ईरान में हुए एशियन रीजन प्रेसिडेंट कप पैराताईक्वांडो चैंपियनशिप-2०19 में सिल्वर मेडल हासिल करने के अतिरिक्त तुर्की में हुई ८वीं वल्र्ड पैराताईक्वांडो चैंपियनशिप- 2०19 में ब्राँज मेडल अपने नाम किया। वहीं जॉर्डन में हुई अ6मान एशियन पैराताईक्वांडो चैंपियनशिप- 2०19 में ब्राँज मेडल और कोरिया में हुए किमयोंग कप इंटरनेशनल पैराताईक्वांडो चैंपियनशिप- 2०18 में गोल्ड मेडल देश के नाम करके भारत की शान बनी। अरुणा तनवर का कहना है कि उनका सपना टो1यो पैरालिंपिक जीतकर देश की 2याति को बढ़ाना है, जिसके लिए वह तैयारियों में जुटी हैं। गौरतलब है चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी अपने खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा अरुणा तनवर के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उ6दा प्रदर्शन के फलस्वरूप 1०० प्रतिशत एकेडिमिक स्कॉलरशिप के साथ-साथ मु3त आवास रहन-सहन की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है।
इस बारे में बात करते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी न केवल प्रोफेशनल एजुकेशन के क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों सहित अन्य गतिविधियों में भी उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी प्रतिभा व कौशल का प्रमाण दे रहे हैं। जॉर्डन में होने वाली प्रतियोगिता के लिए अरुणा को शुभकामनाएं देते हुए स. संधू ने कहा कि यूनिवर्सिटी अपने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
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