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कवयित्री संतोष गर्ग द्वारा एक ऑनलाइन प्रार्थना गोष्ठी का आयोजन किया गया

मोहाली 2 मई (विजय)। राष्ट्र्रीय संवेदनाओं को समर्पित मनांजलि मंच, चंडीगढ की ओर से एक प्रार्थना संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कहते हैं कि प्रार्थना में बल होता है। प्रार्थना हमें नेक पथ पर चलाती है और विकराल परस्थितियों से उभारती है। सारी दुनिया इस समय कोरोना महामारी के संकट को झेल रही है न जाने कितने भाई बंधु इसकी लपेट में आ रहे हैं। हम इस भयानक जाल से बाहर निकलें और यह वर्ष हम सभी के लिए मंगलमय हो। यही सोच कर कवयित्री संतोष गर्ग द्वारा एक ऑनलाइन प्रार्थना गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें कवि अनिल चिंतित, नीरजा शर्मा, मोनिका कटारिया, मनोरमा श्रीवास्तव व श्रीमती अरुणा डोगरा ने भाग लिया।
नीरजा शर्मा ने कहा कि प्रार्थना में वह शक्ति है जो असंभव को संभव बना देती है इस कोरोना काल के कठिन दौर में हम अपने मन को शक्तिशाली बना कर रखें। अनिल चिंतित ने कहा कि प्रार्थना वर्तमान समय की जरूरत है क्या पता किस घड़ी किस की प्रार्थना ईश्वर सुन ले और इस महामारी को जड़ से मिटा दें। मोनिका कटारिया ने अपनी प्रार्थना में जगत पिता को एक पत्र लिखते हुए कहा कि हे प्रभो! यह संक्रमण हमारे ही कर्मों का फल है। हमने प्राकृतिक संसाधनों का भरपूर दोहन किया और अपने लिए ही विकट परिस्थितियां पैदा कर ली। हे प्रभो! हम प्रकृति के नियमों का पालन करेंगे, अनुशासित जीवन शैली अपनाएंगे! हे प्रभो! हमें भयमुक्त करो। अंत में अरुणा डोगरा ने मजदूर भाई के श्रम को वंदन करते हुए अपने शब्दों में इस प्रकार कहा कि कैसे लिखूं तेरी परिभाषा, तेरा श्रम देख, आंखों में पानी आता। इस अवसर पर श्री हनुमान चालीसा का पाठ करके सभी सदस्यों की ओर से कोरोना संक्रमण साथियों को बल अर्पित करने हेतु प्रार्थना की गई।

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