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लॉक डॉऊन लगा सरकार ने दूकादारों-कारोबारियों की बोलती की बंद

मोहाली 4 मई (विजय)। मोहाली क्या लगभग पूरे देश में वर्तमान की स्थिति लॉक डाऊन की हो गई है और कोरोना महामारी के चलते लोगों के एक ओर जहां कारोबारी चौपट हो रही हैं। इसके अलावा कुछ नए कारोबारी और दूकानदार जिनमें अधिकांश तौर पर लाखों रूपए खर्च करके दो साल पहले अपना कारोबार शुरू किया था, लेकिन कोरोना महामारी की भेट चढऩे के कारण आज वह इस कदर आर्थिक मंदी से गुजर रहे हैं कि उनको अपना सारा कारोबार चौपट होता नजर आ रहा है और वह अब दूकानदारी / कारोबार बंद करके नया कारोबार करने की योजना तक बना डाली है।
कोरोना के चलते मोहाली में लगाए गए लॉक डाऊन से खास करके यहां के दूकानदारों और अन्य तरह के कारोबारियों को किस तरह का नुकसान हो रहा है और वह भविष्य को लेकर अपने कारोबार की किस तरह की रूप रेखा तैयार कर रहे हैं, के विषय पर बातचीत करने पर अधिकांश दूकानदारों और कारोबारियों का यहीं कहना था कि सरकार ने तो अब उनकी बोलती ही बंद कर दी है और लॉक डाऊन के चलते उनको कहीं का नहीं छोड़ा है जिसके चलते एक ओर जहां उनको कारोबार समाप्त होता नजर आ रहा है। वहीं उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वह किस तरह अपने घर का गुजारा चलाए और कैसे अपने वर्करों / कर्मचारियों का वेतन दें और किस तरह से अपने कारोबार को आगे चलाए। दूकानदारों और कारोबारियों में उनमें सबसे अधिक समस्या पैदा हो रही है जो अधिकांश तौर पर किराएदार हैं और उनको दूकान न खोलने से किराया , बिजली, पानी का बिल तक देना मुश्किल होता जा रहा है।
उपरोक्त मामले पर अपनी प्रतिक्रिया / विचार व्यक्त करते हुए फेस-11 के सिंह साहब होटल के मालिक/ एमडी मंदीप सिंह का कहना है कि लॉक डाऊन में हर तरह का लगभग कोरोबार चौपट नजर आ रहा है और खास करके इंडिया में सरकार दूकानदारों और कारोबारियों की समस्या हो हल करती नजर नहीं आ रही है जिसके चलते अधिकांश दूकानदार/ कारोबारी किराया आदि को लेकर काफी चिंतित हैं। प्रापर्टी कारोबारी मुनीष जगदंबा का कहना है कि उन्होंने अपनी टीम के साथ कुछ माह पहले ही एक शोरूम को किराए पर लेकर प्रापर्टी का कारोबार करना शुरू किया था, लेकिन बार-बार लॉक डाऊन और कफर््यू लगाए जाने के चलते उनके पार्टनर और वह शोरूम तक नहीं खोल पा रहे हैं जिसके चलते आगे कुछ समझ नहीं आ रहा है। फेस-7 में जिम  सैंटर चलाने वाले नौजवान हरिकृष्ण उर्फ हैरी का कहना है कि वह पिछले तीन सालों से लगभग जिम का कारोबार कर रहे हैं और लाखों रूपए के साजों समान लगा रहा है , लेकिन पिछले डेढ वर्ष से भारत में कोरोना के चलते जिम नहीं चला पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हालात तो यह हो गए हैं कि अब किराया भी अपनी जेब से देना पड़ रहा है और कारोबार बंद करने की नौबत आ गई है। फेस-11 निवासी होटल कारोबारी विक्रम का कहना है कि होटल इंडस्ट्ररी भी बंद होने के कगार पर आ गई है। उन्होंने कहा कि देश के लोगों को कोरोना महामारी से बचाना जरूरी है, किन्तु जब रोजगार ही चले जाएंगें और भुख़मरी फैलने लगे हैं और अपराध बढऩे लगेगा तो कोरोना महामारी की परवाह कौन करेगा?। इसलिए बेहतर होगा कि अन्य देशों की तरह भारत की सरकारों को भी सोचना चाहिए और जब तक लॉक डाऊन लगाया जाए तब तक रोजी -रोटी और अन्य तरह की आर्थिक मदद करना सरकारों की भी जिम्मेदारी होनी चाहिए। बलौंगी निवासी रिटा सिंह का कहना है कि लॉक डाऊन लगा देने से कोरोना समाप्त नहीं हो जाता, बल्कि देखा जाए तो कई ऐसी दूकानें भी खुली रहती है और मॉल में भारी संख्या में लोग खरीददारी कर रहे हैं। ऐसे में पंजाब सरकार को देखना चाहिए कि खास करके रेहड़ी-फड़ी और गरीब वर्ग के लोगों के खातोंं में आर्थिक मदद सीधा पहुंचाए ताकि लोग बीमारी के साथ-साथ भुखमरी व अन्य अपराधिक गतिविधयों से भी बच सके।

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