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दो जवान बेटियों का एक लाचार पिता पत्नी सहित मंदिर में रहने को मजबूर

मोहाली 15 मई (विजय)। एक मामले में अपनी बहिन को कुछ गुंडा अनसरों के खिलाफ आवाज उठाने वाले सरकारी विभाग में नौकरी कर रहे एक पिता को यह नहीं मालूम था कि वह जिस दलदल में पैर रख रहा है और इंसाफ के लिए अपनी बहिन के लिए लड़ाई लड़ रहा है। वह लड़ाई एक दिन उसे इतनी महंगी पड़ेगी कि उसका सबकुछ बर्वाद हो कर रह जाएगा। जी हां ऐसा कुछ ही हुआ है लगभग 7० वर्षीय मानसा निवासी जो कि वर्तमान में मोहाली के एक मंदिर की धर्मशाला में अपनी दो जवान बेटियों और पत्नी के साथ रहने को मजबूर हैं।
मोहाली में रह रहे दो बेटियों का लाचार पिता कमल नेतर माथुर जो कि कभी पंजाब मानसा स्थित खादी बोर्ड में नौकरी करते थे और बठिंडा रहती अपनी बहिन को इंसाफ दिलाने के लिए कुछ गुंडा अनसरों के शिकार इस क्रद हुए हैं कि उन्होंने अपनी बहिन को अदालत के द्वारा इंसाफ तो दिला दिया। लेकिन गुंडा अनसरों ने इस क्रद उन्हें तंग पेरशान किया कि उन्हेंं सिर्फ अपनी नौकरी छोड़ कर पंजाब ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में परिवार सहित जाना पड़ा। इस दौरान उनका सब कुछ बिक गया और हालात दिन प्रतिदिन नाजुक होते गए। हालांकि लंबे समय की सिफारिश प्रयासों के बाद कुछ नेक अधिकारियों की बदौलत कमल नेतर माथुर अपने ही महकमें में दूबारा से नौकरी लेने में कामयाब हो गए और सब कुछ शांत होने के बाद पटियाला से चंडीगढ़ आ गए। लेकिन माथुर के अनुसार उनके विभाग में एक अधिकारी ने ऐसा तंग परेशान किया और साजिश के तहत उन्हें फंसाने की कोशिश की। लेकिन वह हर साजिश में बेगुनाह साबित हुए। श्री माथुर का आरोप है कि खादी बोर्ड में तैनात एक सुपरिटेंडेंट रैंक का अधिकारी ने उनका जीवन बर्वाद कर दिया और उसकी के सताए होने के चलते आज उनकी पैंशन रिटायर्डमेंट होने के बाद भी उनके ज्यूनियर रंैंग के अधिकारियों से भी आधी है और उनका तथा उनके परिवार का गुजारा नहीं चल पा रहा है।
माथुर का कहना है कि यदि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बार उनसे मुलाकात करले और उनको मिलने का समय दें तो उन्हें पूरा भरोसा है कि उनके साथ क्या कुछ हुआ है और कौन असल दोशी है सब कुछ दूध का दूध हो जाएगा और उनको पूरा इंसाफ मिल जाएगा। माथुर का कहना है कि क्योंकि सीएम पंजाब कैप्टन अमरङ्क्षदर सिंह के आदेशों पर आगे वह अधिकारी सुनवाई नहीं होने दे रहा है जिसके बारें में उनके पास पुख्ता सबूत भी हैं। माथुर ने यह भी दावा किया है कि यदि सीएम पंजाब एक बार उनसे मिल ले और उनको इंसाफ न मिला तो वह इसके बाद अपनी लाचारी की कहानी किसी को नहीं सुनाएंगें और चुप करके बैठ जाएंगें।

 

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