माउंटस्टार (मेओं अस्पताल ) में इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने के मामले ने पकड़ा तूल
मोहाली 22 मई (विजय)। कोरोना काल में रामबाण समझा जाने वाला इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने के मामले में एसएसपी को मोहाली स्थित माउंटस्टार अस्पताल ( माओ अस्पताल) के तीन मौजूदा डायरेक्टरों द्वारा अपनी ही कर्मचारी के खिलाफ दी शिकायत का मामला अभी क्लीयर भी नहीं हुआ था, कि अस्पताल में सीनियर पोस्ट पर तैनात कर्मचारी जिसके खिलाफ अस्पताल के डायरेक्टरों द्वारा इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने का आरोप लगाया था, ने भी अब शिकायतकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दे दी है। शनिवार को अस्पताल के स्ीएफओ मुकेश शर्मा ने भी मोहाली एसएसपी को एक लिखित में शिकायत दी और अपने ऊपर लगाए जाने वाले आरोपों को एक साजिश का नाम देते हुए उल्टा कई तरह के आरोप शिकायकर्ताओं के खिलाफ लगाया है। लेकिन इस मामले में कौन सच्चा है और कौन झूठा है और दरअसल में अस्पताल से कितनी संख्या में इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी हुई है । इस पर अभी सवालियां निशान लगा हुआ है और संबंधित मामले में पुलिस की ओर से मोहाली के एसएसपी की अध्यक्षता में टीम का गठन करके गहराई से जांच शुरू की जा चुकी है। जांच टीम का दावा है कि सभी पहलुओं पर गहराई से जांच की जा रही है जिसकी देख-रेख मोहाली के एसएसपी कर रहे हैं।
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क्या है पूरा मामला?
मोहाली। माओ अस्पताल के मौजूदा तीन डायरेक्टरों की ओर से गत दिवस मोहाली एसएसपी को सौंपी गई शिकायत में कहा गया है कि
अस्पताल के वित्त सलाहाकार मुकेश शर्मा मरीजों के नाम पर मिलने वाले इंजेक्शन को अस्पताल से इश्यू करवा कर बाहर ब्लैक में बेच रहा था। जिसे लेकर उनकी ओर से अस्पताल में तैनात सीएफओ मुकेश कुमार के खिलाफ एसएसपी मोहाली और प्रशासन को शिकायत दी है। दी शिकायत में अस्पताल के डाक्टरज ने बताया कि मरीज के नाम पर अस्पताल में इंजेक्शन अलॉट करवा लिए जाते थे। लेकिन मरीज को इंजेक्शन लगाने की वजाए बाहर महंगी कीमतों पर इन इंजेक्शन को बेचा जा रहा था। जिसकी जानकारी अस्पताल के हेड को लग गई और जांच पड़ताल करने के बाद ही उसके अगले दिन एसएसपी को शिकायत दी गई।
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रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधित सेहत विभाग की ये हैं गाइडलाइन
मोहाली। कोरोना काल में इस इंजेक्शन का कालाबाजारी न हो और इसकी कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रशासन व सेहत विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। जिसमें यक क्लीयर किया गया है कि अस्पताल मेंं भर्ती किस मरीज को कितने टीके लगे और कब लगे के अलावा उन सभी आंकड़ों को पेश करना होता है जो कालबाजारी को रोकने में मदद करते हैं। इंजेक्शन की संख्या आदि के सभी तरक े डाटा का रिकार्ड सीधा सीविल सर्जन कार्यालय से भी जुड़ा होता है।
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क्या कहना है संबंधित अधिकारियों का?
मोहाली। इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी संबंधित मिली शिकायत के मामले में मोहाली के एसडीएम जगदीप सहगल का कहना है कि मामले पर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी गंभीरता से जांच कर रहे हैं। जबकि दूसरी ओर मोहाली के डीएसपी कमलदीप सिंह का कहना है कि सीएफओ मुकेश शर्मा की ओर से भी लिखित में आज शिकायत मिली है। डीएसपी ने बताया कि मामले को गंभीरता से मोहाली के एसएसपी साहब की अध्यक्षता में जांच किया जा रहा है और पूछतांछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी।
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क्या कहना है सीएफओ मुकेश शर्मा का?
मोहाली। अस्पताल में तैनात सीएफओ मुकेश शर्मा का कहना है कि उपरोक्त तीनों डारेक्टरज उनको एक साजिश के तहत फसाना चाहते हैं, क्योंकि जिस इंजेक्शन से उनका कोई लेना-देना नहीं है और श्रीमति कांता मित्तल के नाम से इश्यू हुए हैं उसके बाद में कांता मित्तल नाम के जगह पर उ नका नाम लिखा गया है। शर्मा ने बताया कि दूध-का दूध पानी का पानी साफ हो जाएगा और यह उल्टा खुद ही फसंगें। उन्होंने बताया कि डा. दीपक त्यागी और डां धनखड़ से उनकी लड़ाई चल रही है और डा. दीपक त्यागी माफी लिखित में भी मांग चुके हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी ओर से दी शिकायत में सभी बाते साफ-साफ लिख दी है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में कुल आठ डायरेक्टर है जिनमें से पांच उनके फेवर में हैं और तीन उनके खिलाफ अस्पताल से बाहर निकालने केे लिए तरह -तरह की साजिश रच रहे हैं, क्योंकि वह उनके कार्यो में दखल देते हैं और एक रूपए का घपला नहीं होने देते हैं।
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क्या कहना है श्किायतकर्ता डायरेक्टरज का?
मोहाली। मायो अस्पताल के डॉ. दीपक त्यागी, डॉ. मनोज शर्मा, डॉ. वरिंदर धनकड़ जिन्होंने मोहाली एसएसपी को इंजेक्शन के कालाबाजारी करने संबंधित सीएफओ के खिलाफ शिकायत दी है। उनमें से डॉ. वरिंदर धनकड़ का कहना है कि उन्होंने मामले की जांच करने के एक दिन बाद ही एसएसपी को शिकायत दी है और अस्पताल के फार्मासिस्ट का आरोप है कि सीएफओ का बेटा ही अस्पताल से इश्यू करवा कर इंजेक्शन ले जाता था। डा. धनखड़ ने कहा कि इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में पिछली लड़ाई -झगड़े का क्या लेना-देना।
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क्या है पूरा मामला?
मोहाली। माओ अस्पताल के मौजूदा तीन डायरेक्टरों की ओर से गत दिवस मोहाली एसएसपी को सौंपी गई शिकायत में कहा गया है कि
अस्पताल के वित्त सलाहाकार मुकेश शर्मा मरीजों के नाम पर मिलने वाले इंजेक्शन को अस्पताल से इश्यू करवा कर बाहर ब्लैक में बेच रहा था। जिसे लेकर उनकी ओर से अस्पताल में तैनात सीएफओ मुकेश कुमार के खिलाफ एसएसपी मोहाली और प्रशासन को शिकायत दी है। दी शिकायत में अस्पताल के डाक्टरज ने बताया कि मरीज के नाम पर अस्पताल में इंजेक्शन अलॉट करवा लिए जाते थे। लेकिन मरीज को इंजेक्शन लगाने की वजाए बाहर महंगी कीमतों पर इन इंजेक्शन को बेचा जा रहा था। जिसकी जानकारी अस्पताल के हेड को लग गई और जांच पड़ताल करने के बाद ही उसके अगले दिन एसएसपी को शिकायत दी गई।
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रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधित सेहत विभाग की ये हैं गाइडलाइन
मोहाली। कोरोना काल में इस इंजेक्शन का कालाबाजारी न हो और इसकी कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रशासन व सेहत विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। जिसमें यक क्लीयर किया गया है कि अस्पताल मेंं भर्ती किस मरीज को कितने टीके लगे और कब लगे के अलावा उन सभी आंकड़ों को पेश करना होता है जो कालबाजारी को रोकने में मदद करते हैं। इंजेक्शन की संख्या आदि के सभी तरक े डाटा का रिकार्ड सीधा सीविल सर्जन कार्यालय से भी जुड़ा होता है।
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क्या कहना है संबंधित अधिकारियों का?
मोहाली। इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी संबंधित मिली शिकायत के मामले में मोहाली के एसडीएम जगदीप सहगल का कहना है कि मामले पर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी गंभीरता से जांच कर रहे हैं। जबकि दूसरी ओर मोहाली के डीएसपी कमलदीप सिंह का कहना है कि सीएफओ मुकेश शर्मा की ओर से भी लिखित में आज शिकायत मिली है। डीएसपी ने बताया कि मामले को गंभीरता से मोहाली के एसएसपी साहब की अध्यक्षता में जांच किया जा रहा है और पूछतांछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी।
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क्या कहना है सीएफओ मुकेश शर्मा का?
मोहाली। अस्पताल में तैनात सीएफओ मुकेश शर्मा का कहना है कि उपरोक्त तीनों डारेक्टरज उनको एक साजिश के तहत फसाना चाहते हैं, क्योंकि जिस इंजेक्शन से उनका कोई लेना-देना नहीं है और श्रीमति कांता मित्तल के नाम से इश्यू हुए हैं उसके बाद में कांता मित्तल नाम के जगह पर उ नका नाम लिखा गया है। शर्मा ने बताया कि दूध-का दूध पानी का पानी साफ हो जाएगा और यह उल्टा खुद ही फसंगें। उन्होंने बताया कि डा. दीपक त्यागी और डां धनखड़ से उनकी लड़ाई चल रही है और डा. दीपक त्यागी माफी लिखित में भी मांग चुके हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी ओर से दी शिकायत में सभी बाते साफ-साफ लिख दी है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में कुल आठ डायरेक्टर है जिनमें से पांच उनके फेवर में हैं और तीन उनके खिलाफ अस्पताल से बाहर निकालने केे लिए तरह -तरह की साजिश रच रहे हैं, क्योंकि वह उनके कार्यो में दखल देते हैं और एक रूपए का घपला नहीं होने देते हैं।
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क्या कहना है श्किायतकर्ता डायरेक्टरज का?
मोहाली। मायो अस्पताल के डॉ. दीपक त्यागी, डॉ. मनोज शर्मा, डॉ. वरिंदर धनकड़ जिन्होंने मोहाली एसएसपी को इंजेक्शन के कालाबाजारी करने संबंधित सीएफओ के खिलाफ शिकायत दी है। उनमें से डॉ. वरिंदर धनकड़ का कहना है कि उन्होंने मामले की जांच करने के एक दिन बाद ही एसएसपी को शिकायत दी है और अस्पताल के फार्मासिस्ट का आरोप है कि सीएफओ का बेटा ही अस्पताल से इश्यू करवा कर इंजेक्शन ले जाता था। डा. धनखड़ ने कहा कि इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में पिछली लड़ाई -झगड़े का क्या लेना-देना।
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