सांझा अध्यापक मोर्चा द्वारा पांचवे दिन कारों के शीशें और लोगों के बूट पॉलिश करके जताया रोष
मोहाली, 2० जून (विजय) । फेस-8 स्थित शिक्षा सचिव के कार्यालय के बाहर सांझा अध्यापक मोर्चा द्वारा पांचवे दिन धरना प्रर्दशन जारी रहा और धरने के पांचवे दिन भी यहां पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवास्था रही। लेकिन रविवार को कच्चे अध्यापकों ने एक अनोखे तरीके से अपना रोष व्यक्त करने के लिए पहले जहां पंजाब के शिक्षा मंत्री के खिलाफ जम कर धरना स्थल पर नारेबाजी की और उपस्थित टीचरों को संबोधित किया। वहीं दोपहर बाद अध्यापकों ने फेस-9 की मार्केट के पास स्थित लाइट प्वाइंट पर लोगों की कारों के शीशें और बूट पॉलिश करके भी अपना गुस्सा प्रगट किया। इस दौरान कुछ अध्यापक जिनमें महिलाएं और पुरूष दोनों शामिल थे बूट पॉलिश और कारों की सफाई करते रहे तो अन्य अध्यापक सडक़ के साथ खड़े होकर काफी देर तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए। उन्होंने बातचीत में कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक वह ऐसे अपना रोष व्यक्त करते रहेगें। उनहोंने कहा कि उनकी मांगों में दो प्रमुख मांगे क च्चे अध्यापकों को पक्के करना और उनके वेतन में बढोत्तरी करना है।
सांझे अध्यापक मोर्चे के प्रदेश कनवीनर विक्रमदेव सिंह, सुखविंदर सिंह चाहल, बलकार सिंह, हरजीत सिंह बसोता, बलजीत सिंह सालाना ने कहा कि पंजाब सरकार और शिक्षा मंत्री की शह पर शिक्षा सचिव की ओर से, बच्चों को बुलाकर स्कूल खोलने की जगह जाली आंकड़ों से आधारित निजीकरण पक्षीय ऑनलाइन शिक्षा को असली स्कूली शिक्षा के रूप में बदल कर पेश किया जा रहा है। जिससे विद्यार्थियों को सीखने की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। 800 से और ज्यादा प्राथमिक स्कूल बंद करके 1904 मुख्य अध्यापकों और हजारों काडरों के पद खत्म कर दिए गए हैं। वही, खाली पद भरने के बजाय एक-एक स्कूल प्रमुख, अध्यापक, नान -टीचिंग पर कई-कई स्कूलों का भार डाल दिया गया है। वोकेशन केडर को गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी ऑनलाइन ड्यूटियों और अन्य कामों में बुरी तरह से उलझाकर मानसिक दबाव डाला जा रहा है। दो साल पहले चार कैबिनेट मंत्रियों की सब कमेटी के फैसले के तहत अध्यापकों की विकटेमाईजेशनों का रद्द नहीं किया गया, रेगुलर की ऑप्शन ले चुके अध्यापकों के ऑर्डर जारी नहीं हुए, जबकि मनमर्जी से नोटिस और मुअत्तल किए जा रहे हैं। 228 पीटीआई को खत्म करके मिडिल स्कूलों में सीएंडवी के पदों को खत्म किया है। 180 ईटीटी टैट पास अध्यापकों की सेवाएं कन्फर्म करने के बजाय असल भर्ती से तोडक़र जबरदस्ती कम वेतन स्केल दिए गए हैं। पंजाब सरकार की ओर से सोसायटी और आउटसोर्सिंग के तहत काम करते कच्चे अध्यापकों और नान टीचिंग के वेतन में बढ़ोतरी करके स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू न करना, पुरानी पेंशन बहाल न करना, स्थायी कंप्यूटर शिक्षकों को विभाग में तब्दील न करने और छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट मुलाजिम हितों के अनुसार तैयार कर जारी न करने के खिलाफ भी अध्यापकों में भारी रोष है। उनहोंने कहा कि मांगें न मानने पर मंत्रियों की घेराबंदी करने और 1 अगस्त को संगरूर में राज्य स्तरीय धरना देने का फैसला लिया गया है, क्योंकि गत दिनों हुई बैठक बेनतीजा रही है।
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