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सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में हैपेटाईटस बी का मुफ्त इलाज और जांच शुरू

मोहाली, 22 जून (विजय)। पंजाब सरकार की तरफ से सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में हैपेटाईटस बी की मुफ्त टेस्टिंग और इलाज शुरू किया गया है। जिला अस्पताल मोहाली में इस पहलकदमी के राज्य स्तरीय उद्घाटन की अध्यक्षता करते हुये स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि सभी मैडीकल कालेजों, जिला अस्पतालों, सब-डिविजनल अस्पतालों और एंटी रीटरोवायरल ट्रीटमेंट (ए.आर.टी.), ओरल सबस्टीच्यूशन थैरेपी (ओ.ऐस.टी.) केंद्र में हैपेटाईटस बी स्क्रीनिंग टैस्ट शुरू किये जा रहे हैं। इसके इलावा, हैपेटाईटस बी वायरल लोड टेस्टिंग की सुविधा 27 सेंटरों में मुफ्त दी जायेगी।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ओनकुऐस्ट लैबारटी के साथ रेट सम्बन्धी करारनामा किया गया है जिसके अंतर्गत उन्होंने हरेक जिला अस्पताल और सरकारी मैडीकल कालेज को एक लैबारटरी टैक्नीशियन प्रदान किया है। इन संस्थाओं में मरीज के हैपेटाईटस बी के नमूने मुफ्त लिए जाएंगे जबकि सरकार की तरफ से टैस्ट की लागत 851 रुपए की दर के साथ लैब को दी जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हैपेटाईटस बी का इलाज लंबा और महँगा है परन्तु राज्य सरकार सम्बन्धी लोगों को दवा मुफ्त प्रदान करेगी। यहाँ तक कि पीजीआइ में इलाज अधीन हैपेटाईटस बी पॉजिटिव पंजाब के मरीजों को भी मुफ्त दवा दी जायेगी। उन्होंने आगे बताया कि इस सम्बन्धी पीजीआइ में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है और उसे अपेक्षित दवाओं का भंडार सौंप दिया गया है।
उन्होंने कहा कि एचआईवी से संक्रमित सभी मरीज, ओएसटी सेंटरों में इलाज अधीन व्यक्तियों और सभी गर्भवती महिलाओं को हैपेटाईटस बी और हैपेटाईटस सी के टैस्ट की सुविधा मुफ्त दी जायेगी। किसी भी रैपिड टैस्ट पॉजिटिव के बाद मुफ्त वायरल लोड टैस्ट होगा। हैपेटाईटस बी और हैपेटाईटस सी का इलाज करने वाले पंजाब के सभी मैडीकल माहिरों और डाक्टरों को डा. वरिन्दर सिंह प्रोफैसर और हैड हैपेटोलोजी विभाग पीजीआइ की तरफ से प्रशिक्षण दिया गया है और भविष्य में और प्रशिक्षण दिया जायेगा। जिक्रयोग्य है कि पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने लगभग पाँच साल पहले हैपेटाईटस सी का मुफ्त टैस्ट और इलाज शुरू किया था। हैपेटाईटस सी के इलाज केन्द्रों की संख्या 25 से बढ़ा कर 66 कर दी गई है। अब तक पंजाब में तकरीबन 96,000 मरीजों का हैपेटाईटस सी का मुफ्त इलाज किया जा चुका है। उनकी इलाज दर 93 प्रतिशत है। कोविड महामारी के दौरान भी हैपेटाईटस सी का इलाज जारी रखा गया था। साल 2020 में, तकरीबन 12000 मरीजों का हैपेटाईटस सी का इलाज किया गया और मई 2021 तक तकरीबन 4900 मरीजों का इलाज किया गया। कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के सम्बन्ध में पूछे गए सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थाओं में बैड की संख्या और बुनियादी ढांचे में विस्तार किया जा रहा है। इसके साथ ही अधिक से अधिक अस्पतालों में पीएसए प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं और चुनौती का सामना करने के लिए मैडीकल और पैरा मैडीकल स्टाफ की निरंतर भर्ती की जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि 620 नये मैडीकल अफसरों की भर्ती प्रगति अधीन है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कोविड टीकाकरण के लिए सख्त यत्न किये जा रहे हैं और अब तक लगभग 61 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता गतिविधियों और टेस्टिंग में विस्तार किया गया है। उन्होंने लोगों को सुरक्षा घटाने के प्रति चेतावनी दी और कोविड-19 सुरक्षा दिशा निर्देशों की पालना करने की ताकिद की।

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