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कच्चे अध्यापकों का धरना सातवें दिन में प्रवेश..

मोहाली 22 जून (विजय)। मोहाली फेस-8 में स्थित शिक्षा भवन में पिछले छह दिनों से कच्चे अध्यापक शिक्षा विभाग का मुख्यालय घेर कर बैठे हैं। मांगे न माने जाने पर जान देने की धमकी के साथ चार अध्यापक शिक्षा विभाग की छत पर चढ़े हुए हैं। इतना ही नहीं एक ओर जहां कच्चे अध्यापक अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए अलग-अलग तरीके से रोष प्रर्दशन कर रहे हैं और सरकार पर दवाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं अब वह अन्य राजनीतिक पार्टियों और अन्य तत्थेबंदियों का सर्मथन लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते मंगलवार को अध्यापकों का धरना सातवें दिन में प्रवेश कर गया। लेकिन खबर लिखे जाने से मंगलवार को होने वाली बैठक संबंधित अध्यापक यूनियन के नेताओं की ओर से कोई भी संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिला।
गौरतलब है कि मंगलवार को अध्यापकों के धरने का समर्थन देने के लिए आम आदमी पार्टी के कोटकपुरा से विधायक कुलतार सिंह संधवा, विधायक जय किशन रोड़ी गढ़शंकर से विशेष तौर पर पहुंचें। इस दौरान दोनों नेताओं ने अध्यापकों की मांगों को जायज मानते हुए उनकी मांगों को समर्थन किया और कहा कि आम आदमी पार्टी उनके साथ है और उनके लिए उनकी लड़ाई में उनके साथ है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को झूठे वायदे छोड़ कर अध्यापकों की मांगों को पूरा करना चाहिए क्योंकि उनकी मांगे जायज हैं। बता दें कि इससे पहले गत दिवस को कच्चे अध्यापकों की ओर चंडीगढ़ की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग की लाइटों पर जाम कर दिया। प्रशासन की ओर से शिक्षा मंत्री के साथ बैठक तय होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने जाम हटाया।

वहीं, प्रदर्शनकारी शिक्षक अब मुलाजिम और किसान संगठनों से संपर्क कर समर्थन जुटाने की कवायद में लग गए थे। यहीं कारण है कि अब धरना स्थल पर आई दिन अलग-अलग जत्थेबंदियों के नेता व गणमान्य व्यक्ति पहुंच रहे हैं। इसके अलावा चार प्रदर्शनकारी पिछले 6 दिन से पेट्रोल की बोतलें और सल्फास की गोलियां लेकर शिक्षा विभाग की छत पर चढ़े हुए हैं। बुधवार से अब तक जिला प्रशासन, शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार और सरकार के नुमाइंदों से प्रदर्शनकारियों की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। प्रदर्शनकारियों ने गत दिवस को करीब डेढ़ बजे चंडीगढ़ की ओर जाने वाली मुख्य सडक़ जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी पूरे चौक को घेर कर बैठ गए। इसके बाद चारों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस को ट्रैफिक डायवर्ट कर स्थिति को संभालना पड़ा। प्रदर्शनकारियों की नुमाइंदगी कर रहे दविंदर सिंह संधू, अजमेर सिंह औलख और वीरपाल सदाना का कहना है कि विभाग में स्थायी किए जाने और समान वेतन से कम पर संघर्ष रुकने वाला नहीं है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी अध्यापकों ने अपने लिए समर्थन जुटाने की कवायद भी शुरू कर दी है।

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