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पंजाब सरकार द्वारा कोरोना महामारी दौरान एनपीए को 25 से घटाकर 20 प्रतिशत करना डाक्टरी पेशे के साथ सरासर धक्का

मोहाली, 24 जून (विजय)। पंजाब आयुर्वेदिक मेडीकल आफिसर्ज एसोसिएशन ने पंजाब सरकार से सरकारी डाक्टरों को मिल रहे 25 प्रतिशत एनपीए को सेलरी का हिस्सा जारी रखने की मांग की है। आज इस संबंध में पंजाब आयुर्वेदिक मेडीकल अफसर एसोसिएशन की मोहाली इकाई के शिष्टमंडल ने एक मांग पत्र एडिशनल डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन को सौंपा। एसोसिएशन के शिष्टमंडल में डा. अमरदीप ढिल्लों, डा. राजीव, डा. आशिमा, डा. नवदीप, डा. अमनप्रीत, डा. जीवनजोत ढिल्लों तथा डा. रजनी शामिल थे।
इस संबंधी जानकारी देते हुए शिष्टमंडल में शामिल डाक्टरों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पंजाब सरकार द्वारा एनपीए को 25 से घटाकर 20 प्रतिशत करना डाक्टरी पेशे के साथ सरासर धक्का है। उन्होंने कहा कि कोरोनो महामारी दौरान सैंकड़ों डाक्टर कोरोना पीडि़त हुए व कुछ डाक्टरों को तो अपनी जान तक गवानी पड़ी तथा उनकी हौंसला अफजाही करने की बजाए सरकार उनका आर्थिक शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि आज तक पंजाब सरकार अपने सरकार डाक्टरों को बेसिक सेलरी के 25 प्रतिशत के समान एनपीए देती आ रही है। यह एनपीए हर लाभ के लिए बेसिक सेलरी का हिस्सा माना जाता रहा है। उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि पंजाब सरकार द्वारा गठित 6वें पेय-कमीशन में एनपीए को घटाया तथा बेसिक सेलरी के अलावा कोई भी भत्ता बेसिक सेलरी का हिस्सा नहीं बनाया। उन्होंने पंजाब सरकार को इस फैसले को सिरे से रद्द करने, एनपी को 33 प्रतिशत करने, एनपीए को बेसिक सेलरी का हिस्सा मानने तथा पेंशन फिक्स करने के साथ-साथ कोरोना महामारी के साथ लडऩे वाले डाक्टरों को स्पेशल भत्ता देने की मांग की है

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