पंजाब भर से हजारों की तादात में मोहाली पहुंचे किसानों का चंडीगढ़ में जाने के लिए हल्ला बोल..
मोहाली 26 जून (विजय)। पिछले सात महीनों से तीन कृषि कानून को रद्व करवाए जाने को लेकर पंजाब , हरियणा और अन्य राज्यों के किसान नेताओं और किसानों की ओर से धरना दिया जा रहा है। लेकिन 26 जून को यानि आज शनिवार को दिल्ली की बॉर्डर घेर कर बैठे किसानों ने आंदोलन में जान फूंकने की कोशिश की थी। यहीं कारण है कि शनिवार को पूरे पंजाब से हजारों किसान मोहाली के रास्ते चंडीगढ़ पहुंचे और चंडीगढ़ सीमावर्ती पर लगाई गई बैरीकेटिंग को तोडऩे में सफल रहे तथा चंडीगढ़ प्रवेश कर गए। इस दौरान किसान धरने में शामिल किसान नेताओं और किसान समर्थकों ने कहा कि जब तक बिल वापस नहीं होता और तीन कृषि कानून रद्व नहीं होते वह अपना रोष प्रर्दशन इसी तरह जाहिर करते रहेगें। उन्होंने कहा कि बेशक इसके लिए उनको अपनी जान क्यों न देनी पड़े, लेकिन अब वह अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगें।
मोहाली के फेस-8 इतिहासिक गुरूद्वारा श्री अंब साहिब के सामने खाली पड़े मैदान में पंजाब के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में आए किसान जिसमें बुजुर्ग, महिलाएं, पुरूष, नौजवान और बच्चे शामिल थे। सभी अपने हाथों में अपनी-अपनी किसान यूनियनों के झंडे, बैनर के साथ ट्रकों, बसों , कारों व अन्य साधनों से तडक़े सुबह से ही पंहुचना शुरू कर दिया था जो कि देापहर एक बजे तक भारी संख्या में एकत्रित हो गए। इसके बाद एक काफिले के रूप में मोहाली से चंडीगढ़ की ओर से कूच किया। हालांकि इस दौरान पंजाब और चंडीगढ़ की पुलिस की ओर से जगह-जगह बैरीकेटिंग की गई थी, लेकिन किसान उसके बावजूद भी चंडीगढ़ सीमावर्ती की जबरदस्त बैरीकेटिंग को ट्रैक्टर आदि की मदद से हटाने में कामयाब हो गए। हालांकि इस दौरान चंडीगढ़ की भारी पुलिस बल की ओर से पानी की बौछारें मारी गई। लेकिन सब फेल साबित हुआ। इस घटनाक्रम में कई किसान नेता जख्मी हो गई और कुछ की पगड़ी उतर गई। लेकिन उसके बावजूद अधिकांश किसान चंडीगढ़ के लिए जाने में कामयाब रहे।
इस दौरान अपनी बात रखते हुए जसबीर सिंह जस्सी मनौली ने कहा कि पिछले सात दिनों से शांतमयीर तरीके से किसान दिल्ली में धरने दे रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है और तीन कृषि कानून जो कि किसान के हित में नहीं हैं को रद्व नहीं कर रही है। इसलिए आज उनको धरना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उनको फोन आए है ंकि कुछ जगहों पर किसानों को आने नहीं दिया जा रहा है, जिसके संबंध में किसान नेता बात कर रहे हैं। वहीं पटियाला से आई बुजुर्ग महिलाओं,किसान समर्थकों का कहना था कि उनका रोष प्रर्दशन और किसान आन्दोलन ऐसे चलता रहेगा, जब तक तीन काले कानून रद्व नहीं हो जाते , बेशक इसके लिए क्यों न उनको अपनी जान गंवानी पड़े।
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आगामी विधानसभा चुनाव में राजनेताओं को गांवों में नहीं घ़ुसने दिया जाएगा
मोहाली। किसान रोष प्रर्दशन में शामिल विभिन्न जगहों से आए किसानों और किसान समर्थकों का कहना था कि मौजूदा पंजाब की कांग्रेस सरकार, पूर्व बादल सरकार व अन्य राजनीतिक पार्टियों का किसानों के लिए कुछ नहीं किया और न कर रहे हैं। इसलिए पंजाब में आगामी विधानसभा चुनावों में किसी भी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं आदि को गांवों में वोट के लिए घुसने नहीं दिया जाएगा और न ही किसी को वोट देगें। गौरतलब है कि आज के किसान प्रर्दशन में भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल महासचिव हरिंदर सिंह लक्खोवाल की पगड़ी उतर गई। जबकि बीकेयू के जिला मोहाली प्रधान गुरप्रीत सिंह पलहेड़ी ने कहा कि किसान आर-पार की लड़ाई पर उतारू हो गया है और जब-जब दिल्ली बैठे किसान नेताओं के आदेश आएंगें वह इसी तरह डट कर मोदी सरकार और तीन काले कानूनों का विरोध करते रहेगें और कानून को रद्व करवा कर ही दम लिया जाएगा।
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