गांव कंबाली में झोलाछाप डाक्टर के क्लीनिक पर सेहत विभाग की टीम ने दबिश, डाक्टर क्लीनिक बंद कर हुआ फरार
मोहाली 1 जुलाई (विजय)। डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है, लेकिन कुछ लोग फर्जी डिग्रियां, फर्जी दस्तावेज बना कर खुद को डॉक्टर बना लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं। इतना ही नहीं जब सेहत विभाग की ओर से छापेमारी की जाती है तो सेहत विभाग की टीम के आने से पहले ही अपना क्लीनिक बंद कर मौके से फरार हो जाते हैं।
मोहाली शहर के साथ लगते गांव कंबाला में वीरवार को भी एक ऐसा मामला सामने आया। यहां जब शिकायत मिलने के बाद सेहत विभाग की तीन सदस्यीय टीम झोलाछाप डाक्टर के क्लीनिक पर पहुंची तो वह क्लीनिक बंद करके मौके से फरार हो चुका था। हालांकि इससे पहले क्लीनिक खुला हुआ था। गौरतलब है कि मोहाली शहर के आस-पास के गांवों में झोलाछाप और नकली डाक्टरों का पूरी तरह से जाल फैला हुआ है और यह लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां तक कि जिस गांव कंबाला के डाक्टर राकेश विश्वास के क्लीनिक पर सेहत विभाग की टीम दबिश देने पहुंची थी उसके पास ही मोहाली में नकली डिग्री बनाने और बेचने वाले गिरोह के एक संस्थान की बताई जा रही है और इसी डिग्री पर यह प्रैरेक्टिस कर रहा। जबकि नकली डिग्रीयां बनाने वाली मोहाली की नामी संस्था सील हो चुकी है और मोहाली पुलिस की एक बड़ी कार्रवाई के बाद संस्था संचालक भी गिरफ्तार हो चुका है और इन दिनों जेल की हवा खा रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि नकली डिग्री बनाने व बेचने वाली संस्था द्वारा बनाए गए सार्टीफिकेट व डिप्लोमा सार्टीफिकेट पर कई झोलाछाप अपना क्लीनिक चला रहे हैं और अपने आप को डाक्टर तक नहीं मानते हैं।
बता दें कि गांव कंबाला में डाक्टर बंगाली जो कि अपने आप को डज्ञक्टर राकेश विश्वास बताता है,पहले तो डाक्टर होने के बाद में बात करने से साफ मना कर दिया और बदले में रौब मारते हुए गांव के सरपंच से फोन पर बात करवाई। लेकिन बाद में सरपंच ने भी डाक्टर से पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद मामले की शिकायत कुछ मौके पर गए पत्रकारों द्वारा संबंधित एसएमओ घडूआं डा. सुरिंदर कौर को फोन पर जानकारी दी, जिसके बाद मौके पर तीन सदस्यीय टीम भेजी गई। लेकिन डाक्टर अपना क्लीनिक बंद करके फरार हो चुका था और सेहत विभाग की टीम को बेरंग ही लौटना पड़ा। घटना स्थल पर पहुंचें सेहत विभाग के तीन सेहत अधिकारियों ने कहा कि जब वह क्लीनिक पर पहुंचे तो डाक्टर क्लीनिक बंद करके भाग चुका था ।
लेकिन वह इसकी जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को देगें। गौरतलब है कि जिस झोलाछाप डाक्टर के क्लीनिक पर आज सेहत विभाग की टीम दबिश देने गई थी और वह मौके पर नहीें मिला। इसके खिलाफ मोहाली के एक नामी वकील द्वारा आरटीआई द्वारा संबंधित विभागों और डाक्टर की डिग्री आदि पर जानकारी ली गई है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि इसकी डिग्री फर्जी है और इसकी इलाज करने का कोई अधिकार नहीं हैं। डाक्टर के पास उपस्थित डिप्लोमा सार्टीफिकेट में भी आरटीआई में खुलासा हुआ है कि जिस संस्था से सार्टीफिकेट जारी किया गया है वह मान्यता प्राप्त नहीं हैं और उससे विभाग को कोई लेना-देना नहीं है। यह तो सिर्फ एक डाक्टर या क्लीनिक का मामला है जबकि ऐसे मोहाली में कितने हैं शायद सेहत विभाग के पास भी कोई आंकड़ा नहीं होगा।
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क्या कहना है एसएमओ डा. सुरिंदर कौर का?
मोहाली। गांव कंबाला में बिना किसी नाम प्लेट आदि के क्लीनिक चला रहे डाक्टर राकेश विश्वास के बारें में पूछे जाने पर एसएमओ घडूआं डा. सुरिंदर कौर का कहना है कि वह अभी हाल में आए हैं और उनको पूरी जानकारी नहीं है। लेकिन उनकी ओर से सेहत टीम भेजी गई है। एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए एसएमओ ने कहा कि सीविल सर्जन मोहाली छुट्टी पर है, लेकिन उनसे फोन पर बात हो गई है। इसलिए जल्द ही एक टीम गठित करके क्लीनिक पर छापेमारी करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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