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टैट पास मैरिट होल्डर उम्मीदवार दर -दर की ठोकरों खाने को मजबूर

मोहाली, 26 जून  (विजय)।  अपनी मांगों को लेकर टैट पास मैरिट होल्डर पिछले लंबे समय से शिक्षा भवन मोहाली के सामने धरने पर बैठे हैं और मांगों को पूरा करवाने के लिए हाथों में काले झंडे, बैनर आदि लेकर समय-समय पर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहते हैं, लेकिन मांगे पूरी न होने से अब अपने संघर्ष को तेज करने की चेतावनी दी है।
धरना स्थल पर जानकारी देते हुए टैट पास मैरिट होल्डरों ने बताया कि
मेरिट होल्डर उम्मीदवारों ने जुलाई 2011 में पीएटीईटी -2 पेपर दिया था जिस के उत्तर में 4 सवालों के जवाब सही न होने के कारण कुछ उम्मीदवारों की ओर से 2015 में हाई कोर्ट में पटीशन दायर की गई थी। जिस का  फैसला 18 मई 2016 को सुनाते हुए अदालत ने उक्त 4 विवादित सवालों का बनता लाभ देने के हुक्म जारी किये गए थे। इस के बाद एससीईआरटी की तरफ से अपील दायर की गई जो 27 अक्तूबर 2016 को अदालत ने शुरू से खारिज करते अपना फ़ैसला पटीशनरों के हक में दिया गया। जिस के आधार पर एससीईआरटी ने टैस साल 2011 का नतीजा जनरलाईज़ड रिवाईज करके उनका नतीजा पास घोषित किया गया।
धरना पर बैठे अध्यापकों ने कहा कि  टैट  2011 का नतीजा के पास होने पर साल 2011 -12 में निकली भरती 3442 और 5178 के पहले से ही नौकरी के लिए चुने गए उम्मीदवारों की अपेक्षा अधिक मेरिट अंक होने के बावजूद यह अध्यापक बेरोज़गारी की भट्टी में जल रहे हैं। जबकि इन से कम मेरिट वाले उम्मीदवार लगभग पिछले 10 सालों से शिक्षा विभाग में सेवा निभा रहे हैं। यह भरती बिना किसी विषय टैस्ट से हुई थी। विभाग ने इन भरती में नौकरी देने की जगह पर उन की उम्र हद और टैट 2011 की वैलीडिटी बढ़ी दी, जो कि बेइंसाफी है। इस करके इन को उक्त भरती में नौकरी लेने के लिए फिर से हाई कोर्ट का सहारा लेना पड़ा, जिस पर हाई कोर्ट की तरफ से 27 नवंबर 2020 के इनटरम आर्डर के अंतर्गत समूह मेरिट होल्डर पटीशनरों के 10 साल खराब होने पर अब उन की सीट रिज़र्व करने के लिए कहा गया। इन में कई मेरिट होल्डर उम्मीदवार ऐसे भी हैं जो ओवर ऐज़ हो गए हैं। जिन को मौजूदा समय में कई प्रकार की आर्थिक और मानसिक मंदहाली का सामना करना पड़ रहा है।
पीडि़त उम्मीदवारों ने पंजाब सरकार और शिक्षा विभाग को चेतावनी कि पिछले 10 सालों से बेरोज़गारी की मार बर्दास्त कर रहे मेरिट में आए उम्मीदवारों को बनती असामी पर नौकरी दी जाये, जिससे वह अपने परिवार का पालन -पोषण कर सकें और विद्यार्थियों को पढ़ा कर समाज में अपना योगदान डाल सकें। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने की सूरत में पीडि़त उम्मीदवारों की तरफ से पंजाब सरकार का आगामी विधानसभा चुनाव में हर फ्रंट पर डट कर परिवारों समेत विरोध किया जायेगा।

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