हर्निया के उपचार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए चूज टू कंफर्म अभियान की शुरुआत की
मोहाली 14 जुलाई (विजय)। हर्निया का उपचार सबसे सामान्य सर्जिकल प्रक्रियाओं में से एक है और भारत में हर वर्ष 10 लाख से अधिक लोगों के हर्निया का ऑपरेशन किया जाता है। ऐसे समय में जब मरीज कोविड-19 महामारी के कारण अपने स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में अधिक जागरूक हो गए हैं तब डॉ अनुपम गोयल, कंसल्टेंट- मीनीमल एैकसस, मेटाबोलिक और बेरिएट्रिक सर्जरी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, मोहाली, ने एनाटोमिकल त्रिविमीय मैश का उपयोग करके इंग्वाइनल हर्निया के उपचार के महत्व पर जोर देने के लिए चूज टू कंफर्म अभियान की शुरुआत की है। चूज टू कंफर्म अभियान हर्निया रिपेयर के लिए उपलब्ध एडवांस्ड सॉल्यूशन के महत्व पर रोगी की जागरूकता को बढ़ाएगा जिसका मुख्य लाभ सर्जरी के बाद होने वाले दर्द में कमी, कम रिकवरी अवधि और सर्जरी के बाद मामूली-सा निशान पडऩा हैं।
हर्निया के समय पर उपचार के बारे में बताते हुए, डॉ अनुपम गोयल कहते हैं हर्निया की सर्जिकल मरम्मत में बहुत प्रगति हुई है क्योंकि नई आधुनिक तकनीकों और उपयुक्त हर्निया मेश उत्पादों का उपयोग सर्जिकल रूप से शारीरिक दोषों को मजबूत करने या पुनर्निर्माण के लिए किया जाता है, जो अब देखभाल का मानक बन रहा है। बड़ी संख्या में सर्जन हर्निया की मरम्मत के लिए लैप्रोस्कोपिक तकनीक की ओर रुख कर रहे हैं क्योंकि यह पारंपरिक ओपन सर्जिकल पद्धति के विपरीत बेहतर सर्जिकल परिणाम प्रदान करता है।
बीडी-इंडिया/साउथ एशिया के प्रबंधक निदेशक पवन मोचेरला ने कहा है कि जागरूकता, बेहतर रोगी परिणाम पाने के लिए सही इलाज खोजने की दिशा में पहला कदम है। भारत में, हर्निया तेजी से बढऩे वाली एक आम समस्या है लेकिन फिर भी बहुत ज़्यादा नजरअंदाज की जाने वाली एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसके लिए रोगी को बहुत अधिक जागरूक होने की जरूरत है। हमें बीडी का चूज टू कंफर्म अभियान पेश करके बहुत खुशी हो रही है, जो मरीजों को हर्निया के इलाज के लिए उपलब्ध नवीनतम समाधानों के बारे में बताता है। इस प्रकार की पहल से, बीडी हर्निया के इलाज के लिए उपलब्ध वर्तमान और भावी संभावनाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेगा।
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