चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और हरियाणा कला परिषद ने संयुक्त रूप से मनाया ‘तीज उत्सव’; एक मंच पर दिखी हरियाणा और पंजाब की सांस्कृतिक झलक
मोहाली 8 अगस्त (विजय)। हरियाली तीज के उपलक्ष्य में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घडू़आं द्वारा हरियाणा कला परिषद के सहयोग से ‘मनोहारी तीज उत्सव-2०21’ का आयोजन किया गया। समारोह के दौरान युवा पीढ़ी के बीच दोनों राज्यों की संस्कृति और विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाए गए, जिस दौरान विदेशी सहकारिता विभाग, हरियाणा सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी योगेन्द्र चौधरी (आईआरएस) बतौर मु2य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान पवन चौधरी एडवाइजर; हरियाणा मु2यमंत्री के एडीसी, रजनीश गर्ग; ओएसडी स्पेशल प4िलसिटी सेल, हरियाणा सरकार से गजेंद्र फोगाट; हरियाणा कला परिषद के डायरे1टर संजय भसीन; रिदम इंटरनेशनल फोक आर्ट 1लब की डायरे1टर सुश्री रूपिंदर कौर और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो.चांसलर डॉ. आरएस बावा विशेष रूप से उपस्थित रहे। विदेशी सहकारिता विभाग, हरियाणा सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी योगेन्द्र चौधरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा राज्य एक-दूसरे के साथ कल्चरल, ट्रेडिशनल और धार्मिक रिवाजों को साझा करते हैं तथा दोनों राज्यों का यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान सद्भाव और भाईचारे की भावना विकसित करता है। उन्होंने मानसून के महत्व के बारे में बात करते हुए कहा कि मानसून का आगमन जीवन का सार है तथा देश की हरियाली, सूखा और किसानों के सुख-दुख सभी कहीं न कहीं मानसून से जुड़े हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि केवल किताबी ज्ञान प्राप्त करने से किसी को ज्ञानी नहीं कहा जा सकता, ज्ञानी बनने के लिए संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास आवश्यक है, जिसमें खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों का अहम योगदान है।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी कैंपस में करवाया गया ‘तीज उत्सव-2०21’ आकर्षण का मु2य केंद्र रहा, 1योंकि इस बार तीज के अवसर पर हरियाणा और पंजाब की संस्कृतियों को एक मंच पर लाने का सराहनीय प्रयास किया गया। सांस्कृतिक समारोह के दौरान दोनों राज्यों की विरासत और संस्कृतियों को दर्शाने वाले लोक नृत्य, व्यंजन, पाई, रंगोली और विरासत प्रदर्शनियां सभी के आकर्षण का केंद्र बनीं। रंग-बिरंगे परिधानों में लड़कियों द्वारा प्रस्तुत पंजाब लोक नृत्य गिद्दा-भांगड़ा का नजारा बहुत ही शानदार था। पड़ोसी राज्य हरियाणा के प्रसिद्ध लोक कलाकारों द्वारा प्रसिद्ध रागिनी प्रदर्शन ने न केवल सभी को प्रभावित किया, बल्कि हरियाणा 3यूजन डांस ने भी खूब सराहना बटोरी, वहीं हरियाणा की लड़कियों ने अपने पारंपरिक लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया, जिसमें घूमर, सांग, चडी और लोर की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र बनी। यूनिवर्सिटी कैंपस में तीज का त्योहार फुल मस्ती के साथ सेलिब्रेट किया, जिस दौरान मेहंदी, रंगोली कॉ6िपटिशन में लड़कियों/महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इसके अलावा हरियाणा कला परिषद की ओर से ‘दि टेल ऑफ भगवत गीता’ विषय पर एग्जिबिशन आयोजित किया गया, जिस दौरान विद्यार्थियों ने गीता के 18 अध्यायों के 7०० श्लोकों से संबंधित विषयों पर पेंटिग्ज का प्रदर्शन किया। इस एग्जिबिशन का मु2य उद्देश्य युवाओं में पावन ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता के दार्शनिक दृष्टिकोण से युवाओं को अवगत करवाना है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ. आरएस बावा ने सुख और समृद्धि की कामना के साथ सभी महिलाओं को तीज की शुभकामनाएं देते हुए कहा तीज हमारी बेटियों, बहनों और माताओं का एक आम त्योहार है, जिसके माध्यम से अगली पीढ़ी को हमारी विरासत और संस्कृति से अवगत कराया जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा की एक समृद्ध विरासत है, जो विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। डॉ. बावा ने कहा कि त्योहारों को एक साथ मनाना आपसी सहयोग की भावना के साथ-साथ छात्रों के लिए सांस्कृतिक विरासत से अवगत होने के लिए मह8वपूर्ण मार्ग का काम करता है।
फोटो नंबर:5 से 8 तक
फोटो कैप्शन: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में हरियाली तीज के अवसर पर रंगोली, मेहंदी कॉ6िपटीशन के दौरान महिलाएं। घड़ूआं में तीज के अवसर पर हरियाणा और पंजाब राज्य की लोक संस्कृतियो व नृत्यों की प्रस्तुति देते कलाकार। आयोजित तीज उत्सव के दौरान स6मान पाते हुए ओएसडी स्पेशल प4िलसिटी सेल, हरियाणा सरकार से श्री गजेंद्र फोगाट।
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