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दिल्ली-एनसीआर व ट्राइसिटी से बाहर के खरीदारों ने ट्राइसिटी में अचल संपत्ति की किस्मत चमकायी, सबसे ज्यादा फायदे में रहा मोहाली

मोहाली, 8 अगस्त (विजय)। 45 वर्षीय रमन कपूर एक जमे-जमाये कॉर्पोरेट कर्मचारी, जो दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहते हैं और जिन्होंने हाल ही में राजधानी से बाहर निकलने और चंडीगढ़ एनसीआर में अपने व्यवसाय और घर दोनों को स्थानांतरित करने का फैसला किया है। उन्होंने चंडीगढ़ में एक इंडस्ट्रियल प्लॉट और मोहाली में एक विला होम खरीदा है।
कपूर ने कहा कोविड की दूसरी लहर ने दिल्ली को बुरी तरह प्रभावित किया और जिस तरह से चीजें हाथ से निकल रही थीं उससे वह और उनका परिवार परेशान था। हम असुरक्षित और असहज महसूस कर रहे थे। इसलिए उन्होंने अपने माता-पिता और दादी को तुरंत मोहाली ले जाने का फैसला किया। इस ऊहापोह की स्थिति ने उन्हें दिल्ली से बाहर रहने के विकल्पों की तलाश करने के लिए उकसाया। जनसंख्या वृद्धि और जीवन की गुणवत्ता में गिरावट जैसे कई कारणों से वह दिल्ली के घुटन भरे माहौल से काफी त्रस्त था। इसलिए, हमने चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में शिफ्ट होने का फैसला किया।
कपूर जैसे और भी कई लोग हैं जिन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद  मोहाली शिफ़्ट करने का फैसला किया है। रियल एस्टेट विशेषज्ञ ट्राइसिटी के जमीन जायदाद उद्योग में एक नये रुझान की ओर इशारा कर रहे हैं, विशेष रूप से मोहाली के बारे में, जहां चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में पलायन करने वाले लोगों का जमावड़ा दिखने लगा है।
इस मामले पपर ट्राइसिटी के एक प्रसिद्ध रियल एस्टेट संगठन, रिवरडेल ग्रुप के सीईओ, संजीव जिंदल के अनुसार दिल्ली एनसीआर के बहुत सारे बाशिंदोंं ने चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में कामकाज शिफ्ट करने का फैसला किया है, क्योंकि वे दिल्ली एनसीआर को असुरक्षित मान रहे हैं ,मुख्य रूप से वहां उन्हें कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा। उसके अलावा, वहां निश्चित रूप से बढ़ते प्रदूषण और आबादी जैसे अन्य कुछ मुद्दों से भी परेशानी हो रही है। मोहाली एवं चंडीगढ़ में कई शीर्ष कॉर्पोरेट अस्पतालों और यहां मौजूद प्रतिष्ठित पीजीआई अस्पताल के कारण इस क्षेत्र में बेहतर चिकित्सा का बुनियादी ढांचा मौजूद है, जो कि वर्तमान में सामने आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। न केवल चिकित्सा सुविधाएं, बल्कि बेहतर नागरिक सुविधाएं और अंतरर्राष्ट्र्रीय हवाई अड्डे से निकटता भी टियर वन शहरों के निवेशकों को इस ओर आकर्षित कर रही है।  उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर और अन्य टियर वन शहर बढ़ती आबादी, असहनीय प्रदूषण और यातायात के शोर आदि से परेशान हैं। न केवल दिल्ली एनसीआर, बल्कि जम्मू-कश्मीर, हरियाणा के पड़ोसी शहरों, हिमाचल के साथ-साथ मुंबई जैसे अन्य महानगरीय शहरों के लोग भी इन समस्याओं के कारण चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र, और मुख्य रूप से मोहाली में संपत्ति खरीदने के बारे में सोच रहे हैं।
जिंदल कहते हैं, महामारी के कारण अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में फैली आर्थिक मंदी के बावजूद यह प्रवृत्ति चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में रियल एस्टेट उद्योग को बढ़ावा दे रही है। मोहाली स्थित प्रसिद्ध एरोसिटी से सटी हमारी आवासीय टाउनशिप बहुत आकर्षक है और ग्राहकों के लिए उनके पैसे की पूरी कीमत ऑफर करती है। रिवरडेल एरोविस्टा ग्रुप के स्ट्रेटेजिक प्लानिंग एंड कॉरपोरेट रिलेशंस के अध्यक्ष, कर्नल इंद्रजीत कुमार ने कहा, दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरीय शहरों और पड़ोसी राज्यों के ग्राहकों की जरूरतों व आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम घरों के प्रीमियम सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिनमें विश्वस्तरीय सुविधाओं वाली अर्ध-लक्जरी और लक्जरी रेंज शामिल है। हमारे पास ढेरों रेडी टू मूव-इन विकल्प मौजूद  हैं।

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