सावन मास के सोमवार को श्रद्वालुओं ने शिवालय पर किया जलाभिषेक पुजारियों और भक्त बोले सावन माह में हर मनोकामना होती है पूरी
मोहाली 9 अगस्त (विजय)। मोहाली में सावन के तीसरे सोमवार को मोहाली और खरड़ के विभिन्न मंदिरों में भगवान शिव की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान एक ओर जहां मंदिरों में सुबह श्रद्वालुओं ने पहुंंच कर शिवलिंग को जलाभिषेक किया। वहीं मंदिरों में आए श्रद्वालुओं को पुजारियों की ओर से भगवान शिव और सावन महिमा के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इस दौरान भी मोहाली के मंदिरों में कोविड-नियमों का पालन करते हुए देखा गया और कई मंदिर प्रबंधकों ने तो अभी तक भी मंदिरों की घंटियों से कोरोना काल में बांधा गया कपड़ा तक नहीं हटाया है।
सावन के पवित्र सावन मास में श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर सेक्टर 125 सन्नी एनक्लेव मेंश्रद्धालुओं द्वारा भक्ति भाव जय भगवान शिवलिंग का अभिषेक किया गया। मंदिर में पूजा-अर्चना करवाने वाले पुजारियों और शास्त्रीयों अनुसार भगवान शिव को सावन के महीने में जल चढ़ाने की परंपरा समुंद्र मंथन से जुड़ी है । पौराणिक कथा के अनुसार सावन के महीने में समुद्र मंथन से एक समय हलाहल विष निकला, यह विष इतना तेज था कि उसका एक बूंद भी अगर गिरता तो पूरी सृष्टि पर विनाश हो सकता था। देव और दानव बहुत दुविधा में आ गए। इस संकट की घड़ी में महादेव प्रकट हुए और उन्होंने पूरे विष को पी कर अपने कंठ में समाहित कर लिया। इसकी वजह से शिव का कंड नीला पड़ गया और उन्हें नीलकंठ के नाम से पुकारा जाने लगा, उसके बाद देवी देवताओं ने इसका प्रभाव कम करने के लिए उन पर शीतल जल चढ़ाना शुरू किया। यही वजह है कि हर पूजा में भगवान शिव को जल जरूर चढ़ाया जाता है, खास कर सावन में इसका महत्व और भी ज्यादा होता है। पंडित बलिराम पैन्यूली श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर सनी एनक्लेव मोहाली ने कहा कि सावन माह में जो भी भगत सावन के महीने में भोलेनाथ का अभिषेक करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है ।
Please Share This News By Pressing Whatsapp Button