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भारतीयों को इस स्वतंत्रता दिवस पर आयुर्वेद के माध्यम से रोगों से मुक्ति का संकल्प लेना चाहिए: गुरु मनीष

मोहाली, 16 अगस्त, (विजय)। एक ओर जहां देश में 15 अगस्त को अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया है वहीं  प्रसिद्ध आयुर्वेद और प्राकृतिक उपचार विशेषज्ञ गुरु मनीष ने सभी भारतीयों से दमनकारी ब्रिटिश शासन से आजादी की खुशी मनाने के साथ ही एक अद्वितीय प्रतिज्ञा लेने का आह्वान किया है। इस स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने एक नई तरह की स्वतंत्रता बीमारियों से मुक्ति की शुरुआत करने के लिए भारत की जांची-परखी जड़ी-बूटी आधारित औषधीय प्रणाली आयुर्वेद को अपनाने की अपील की थी।
आयुर्वेद के महत्व को रेखांकित करते हुए, शुद्धि आयुर्वेद , जिसका मोहाली में कॉर्पोरेट मुख्यालय है , के संस्थापक गुरु मनीष ने कहा, आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है। रोगों के उपचार हेतु विभिन्न चिकित्सा उपाय प्रदान करने के अलावा यह आहार और जीवन शैली के नियमों के माध्यम से रखरखाव व स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारियों की रोकथाम पर भी जोर देता है। गुरु मनीष ने आगे कहा, आधुनिक अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे मेटाबोलिक रोग, मोटापा, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि युवा भारतीयों को अपनी चपेट में ले रहे हैं। देश में बड़ी संख्या में लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं। ऐसे हालात में, इन स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेद और योग को अपनाकर आयुर्वेद में विश्वास को दोहराना अनिवार्य हो जाता है। बीमारियों से मुक्ति का संकल्प लेने के लिए स्वतंत्रता दिवस से बेहतर दिन नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वह एक स्वस्थ भारत देखना चाहते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर सभी भारतीयों को देश को कोविड-19 सहित स्वास्थ्य संबंधी अन्य मुद्दों से आजादी दिलाने के लिए आयुर्वेद को अपनाने का संकल्प लेने की अपील की थी । वह चाहते हैं कि सभी लोग आयुर्वेद के सिद्धांतों को रोजमर्रा की जिंदगी में लागू करें, क्योंकि यह जीवन का विज्ञान है आयुष का अर्थ है जीवन और वेद, अर्थात विज्ञान। उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि कोविड क्लीनिकल साइंस और आम जनता के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। इतना ही नहीं, घातक वृद्धि और उच्च रक्तचाप के रोगियों की संख्या में खतरनाक ढंग से वृद्धि हुई है। इसके अलावा, भारत में मधुमेह की दर तेजी से बढ़ रही है। भारत में लगभग 3 करोड़ लोग मधुमेह के साथ जी रहे हैं, जबकि लगभग 25 प्रतिशत भारतीय परिवारों में हृदय रोगी हैं। गुरु मनीष ने अंत में कहा, स्वस्थ जीवन शैली अपनाने और आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग प्रतिरक्षा विकसित करने हेतु, भारतीयों को इस स्वतंत्रता दिवस पर और भी अधिक दृढ़ संकल्पित हो जाना चाहिए, ताकि पहले तो कोई बीमार ही न हो। हालांकि इसके लिए आवश्यक है कि पहले एक योग्य आयुर्वेद चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श कर लिया जाये।

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