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मंच का उद्देश्य पंजाब के सुनहरे भविष्य के लिए चुनौतियों, संभावित समाधानों और पूरी रोडमैप के बारे में जागरूकता फैलाना है:बुद्विजीवी

मोहाली, 25 अगस्त,  (विजय)। सांझा-सुनहरा पंजाब मंच को आज यहां हयात रीजेंसी में आयोजित एक समारोह में लॉन्च किया गया। मंच के संयोजक और संस्थापक के.सी. सिंह और फोरम के सचिव कर्नल एल.जे.एस. गिल, के साथ ही मंच के 14 अन्य सह-संस्थापक भी इस मौके पर उपस्थित थे। मंच के सभी संस्थापक और सह-संस्थापक समाज के विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं, जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और वे सभी सामाजिक उत्थान में व्यापक अनुभव रखते हैं।
पूर्व राजदूत के. सी. सिंह (कृष्ण चंदर सिंह), भारतीय विदेश सेवा (सेवानिवृत्त), संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ईरान में भारत के राजदूत रहे चुकें हैं। वे विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशंस) और कोऑर्डिनेटर काउंटर टैरिरज्म भी रहे चुकें हैं और उसके बाद सचिव, आर्थिक संबंध के प्रतिष्ठित पद पर भी कार्यरत रहे है । मंच के संयोजक, के.सी. सिंह ने मंच की शुरुआत के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि मंच आज पंजाब के सामने खड़ीचुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है और अपने  विचारों को लोगों तक ले जाना चाहता है। इसका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पंजाब के निवासियों की ज्वलंत मुद्दों पर प्रतिक्रिया मांगना है। उन्होंने कहा कि मंच इस संवादात्मक संवाद के परिणाम को एक बुलंद आवाज़ देने की उम्मीद करता है।
पंजाब के सामने खड़े ज्वलंत महत्वपूर्ण मुद्दों में आज शामिल हैं, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन; खेतीबाड़ी में चावल-गेहूं चक्र पर निर्भरता और इससे लगातार गिरता हुआ जल स्तर, पर्यावरण आदि पर इसके प्रभाव के कारण पैदा हो रहा कृषि संकट; कृषि क्षेत्र में नाममात्र के लिए हुआ विकास और राज्य में उद्योगों में लगातार कम होता हुआ निवेश। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पंजाब राज्य में खराब शिक्षा सुविधाएं, निचले दर्जे की स्वास्थ्य सुविधाएं और स्तरहीन आवास सुविधाएं जैसे मुद्दे भी सामान्य जीवन को प्रभावित कर रहे हैं

उन्होंने कहा कि युवाओं के मुद्दे, विशेष रूप से उनकी नौकरियों को प्रभावित करने वाले मुद्दे भी समान रूप से चुनौतीपूर्ण हैं और सबसे ऊपर आज राज्य में रेत खनन,  शराब व्यापार और ड्रग्स को नियंत्रित करने वाले माफियाओं की जांच करने के प्रभावी तरीकों में व्यवस्थित परिवर्तन की आवश्यकता है।
के.सी. सिंह ने सांझा-सुनहरा पंजाब मंच के दृष्टिकोण को भी सभी के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि यह मंच पंजाब के लोगों के सामने आने वाले गंभीर मुद्दों का समाधान खोजने की दिशा में काम करेगा। हम अपने समाधान पेश करेंगे, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम लोगों के पास जाएं और उनकी भी सलाह लें। हम सभी पंजाबियों की आवाज बनना चाहते हैं।
कर्नल एल.जे.एस. गिल, जिन्होंने 24 वर्षों तक भारतीय सेना में सेवा की है और कॉर्पोरेट जगत में भी विभिन वरिष्ठ पदों पर रहे हैं, ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि यह नहीं किया जा सकता, उन्हें ऐसा करने वालों को भी बाधित नहीं करना चाहिए।
डॉ.के.एस.औलख, पूर्व वाइस चांसलर, पीएयू ने कहा कि पंजाब जो चालीस साल पहले प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर देश का नंबर एक राज्य हुआ करता था, वह अब 16वें स्थान पर आ गया है और पंजाब आज भारत के 5वें सबसे भ्रष्ट और सबसे ऋणी राज्य, का खिताब भी ले चुका है। चारों ओर मायूसी और अफरातफरी का माहौल है। इसके लिए अभेद्य सत्यनिष्ठा, दूरदृष्टि, दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता वाले लोगों को इसे फिर से तैयार करने और इसे एक चमकते-दमकते और एक नया विकसित राज्य में बदलने की आवश्यकता है।

प्रो.रौनकी राम, जिनके पास पंजाब यूनिवर्सिटी और अन्य विश्वविद्यालयों में कई वर्षों के शिक्षण और शोध का अनुभव है और वे कई पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं, ने कहा कि  हमें आज  कौशल पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने और साथ ही अपने सरकारी स्कूलों के सेटअप को बेहतर बनाने की आवश्यकता है जिससे कि नयी पीढ़ी के लिए जमीनी स्तर पर सम्मानजनक रोजगार प्रदान करने में मदद मिल सके। मेजर जनरल सतबीर सिंह (सेवानिवृत्त), जिन्होंने भारतीय सेना में चार प्रमुख संस्थानों में एक प्रशिक्षक के रूप में काम किया है, ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ साथ हमें ग्रास डोमेस्टिक हैप्पीनेस (जीडीएच) में भी गुणात्मक रूप से सुधार करने के लिए साहसिक उपायों को  शुरू करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर सांझा-सुनहरा पंजाब मंच के संस्थापक सदस्यों में डीजीपी डॉ. डीआर भट्टी, आईपीएस (सेवानिवृत्त), एयर मार्शल पी.एस. गिल (सेवानिवृत्त) पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम, भाई बलदीप सिंह, डीजीपी पी.एस. गिल, आईपीएस (सेवानिवृत्त), डॉ. हर्षइंदर कौर, कैप्टन विक्रम बाजवा (सेवानिवृत्त), गुरबीर सिंह संधू, अर्जुन अवार्डी, डी.पी.एस. गिल, जस्टिस (सेवानिवृत्त) कमलजीत सिंह गरेवाल, एडवोकेट, अमितजीत एस. नारंग और एस जयदीप सिंह भी उपस्थित थे।

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