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एैजूसेट के माध्यम से शिक्षा सचिव ने स्कूल प्रिंसीपलों और अध्यापकों के साथ बैठक कर राष्ट्रीय प्राप्ति सर्वेक्षण 2021 बारे भरा उत्साह

मोहाली 25 अगस्त (विजय)। सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुमार आई.ए.एस. ने पंजाब के सरकारी स्कूलों के मुखियों, ब्लाक नोडल अधिकारियों के साथ-साथ सामाजिक शिक्षा और अंग्रेजी विषय के अध्यापकों के साथ पंजाब के सरकारी, अर्ध सरकारी, नवोदया विद्यालयों, केंद्रीय विद्यालय और प्राईवेट स्कूलों में करवाए जाने वाले राष्ट्र्रीय प्राप्ति सर्वेक्षण 2021 बारे एैजूसैट के द्वारा की मीटिंग की और उत्साह भरा।
इस मौके सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुमार ने समूह अधिकारियों और अध्यापकों को संबोधन करते कहा कि राष्ट्र्रीय प्राप्ति सर्वेक्षण 2021 के विद्यार्थियों द्वारा ग्रहण की गई शिक्षा के सीखने परिणामों के मुलांकन पर आधारित होती है। इस लिए समूह स्कूल मुखियों और अध्यापकों ने विद्यार्थियों की गुणात्मिक शिक्षा की तरफ ध्यान देते हुए फील्ड में एक टीम के तौर पर काम करना शुरू कर दिया है।
बैठक के दौरान सचिव स्कूल शिक्षा ने कहा कि 12 नवंबर, 2021 को तीसरी, पाँचवी, आठवीं और दसवीं कक्षाओं के करवाए जाने वाले राष्ट्र्रीय सर्वेक्षण में बच्चों को सर्वेक्षण का पैटर्न और इस प्रक्रिया को समझने के लिए कोई कठिनाई न आए इस लिए विभाग की ओर से पहले ही आबजैक्टिव किस्म के सवाल निरंतर आनलाइन कुईज में भेजे जा रहे हैं। परन्तु सर्वेक्षण दौरान ओ.एम.आर. शीट का प्रयोग होगी इस लिए विद्यार्थियों को अधिक से अधिक इस सम्बन्धित पहले स्मार्ट कलासरूमों में जानकारी दी जाये। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के इलावा इस सर्वेक्षण में अध्यापकों और स्कूल मुखियों के लिए भी सवाल होते हैं जिन सम्बन्धित अध्यापकों को जागरूक करने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रोग्राम आयोजित किये जा रहे हैं और यह प्रोग्राम भविष्य में भी जारी रहेंगे। इस सम्बन्धित सचिव स्कूल शिक्षा ने स्कूल मुखियों और अध्यापकों के साथ बहुत से उदाहरण वजह सवाल सांझे किये और सीखने परिणामों बारे भी जानकारी सांझी की।

शिक्षा सचिव ने कहा कि बच्चों, अध्यापकों और स्कूल मुखियों के स्कूल सम्बन्धित आम ज्ञान और रोजमर्रा की गतिविधियों सम्बन्धित भी सर्वेक्षण में पूछे जा सकते हैं, सवालों को उदाहरणें सहित पेश करके मीटिंग में उपस्थित स्कूल मुखियों और अध्यापकों को जानकारी दी और विस्तार के साथ चर्चा की।
शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा का मानक गुणात्मिक बनाने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से बहुत सारे प्रयास किये गए हैं। सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं और पाठ्यक्रम को ई -कंटैंट में बदला गया है। इसके साथ ही अध्यापकों की भरती की जा रही है और स्कूल का माहौल ज्ञान वर्धक बनाने के लिए स्कूलों की दीवारों पर बाला वर्क किया किया गया। स्कूलों की लुक को आकर्षक बनाने के लिए शैक्षिक पार्क बनाए गए हैं। विद्यार्थियों की बोलचाल की भाषा में सुधार करने के लिए लिसनिंग लैबज तैयार की गई हैं और स्कूलों में इगंलिश बूस्टर क्लब स्थापित करके विद्यार्थियों में आत्म -विश्वास बढ़ाया जा रहा है। इन प्रत्येक में जहाँ सरकार का वित्तीय योगदान शामिल है वहाँ अध्यापकों और स्कूल मुखियों की सभ्य योजनाबंदी भी सहायक हो रही है।

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