मगनरेगा कर्मचारियों ने भारी संख्या में एकत्रित होकर विकास भवन का गेट बंद कर दिया धरना, सात साथी भवन की छत पर चढ़े
मोहाली 26 अगस्त (विजय)। पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को पूरी करवाने को लेकर विकास भवन मोहाली मुख्यालय के सामने दे रहे धरने के दौरान वीरवार को मगनरेगा कर्मचारी यूनियन पंजाब के बैनर तले आखिर दोपहर बाद कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। इतना ही नहीं गुस्साएं कर्मचारियो ंने एक ओर जहां दोपहर के बाद विकास भवन के गेट को जाम करके धरने पर बैठ गए। वहीं आठ के करीब कर्मचारी विकास भवन की इमारत की छत पर झंडे लेकर चढऩे में कामयाब हो गए और तब तक धरना देते रहे और पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। जब तक उनकी कुछ मांगों को सरकार की ओर से मान नहीं लिया गया। हालांकि मांगों को मानने में काफी समय लग गया और देर शाम तक विकास भवन के अधिकारी और कर्मचारी इमारत के अंदर कैद हो कर रह गए, जिन्हें बाद मेंं मांगों को पूरे किए जाने के बाद धरनाकारियों की ओर से जाने दिया गया। लेकिन धरना कारी गेट से हट कर अपने टैंट में चले गए और अभी तक धरने को हटाए जाने पर कोई उचित फैसला नहीं ले पाएं हैं।
गौरतलब है कि मगनरेगा के तहत पंजाब के विभिन्न जिलों में काम करने वाले लगभग 19 हजार के करीब कर्मचारी है जिन्होंने अपने मांगों को लेकर जिनमें वेतन बढ़ाए जाने, छ़ुटटियां दिये जाने और नौकरी पक्के किए जाने की मांग को लेकर पिछले लंबे समय से धरना प्रर्दशन कर रहे हैं। लेकिन इनमें से कुछ कर्मचारियों और यूनियन लीडरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए विभाग ने उनको नौकरी से बर्खास्त करने का फरमान सुना दिया और उनकी जगह पर अन्य की भर्ती किए जाने की बात कही। इसके अलावा कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर धरना हटाए जाने की चेतावनी दी गई थी जिसके चलते यह अल्टीमेटम वीरवार को ही समाप्त हो गया था और गुस्साए मगनरेगा कर्मचारियों ने सरकार और विभाग के खिलाफ ऐसा कदम उठा लिया, जिसके चलते पुलिस और विभाग के हाथ पांव फूल गए और विकास भवन एक छावनी में तब्दील हो गया। पुलिस अपने पूरे साजों समान के साथ धरना स्थल पर पहुंची और कर्मचारियों को कैसे हटाया जाए रणनीति बनाने लगी। लेकिन कर्मचारियों के बुलंद हौंसले के आगे पुलिस और विभाग नतमस्तक दिखाई दिया और आखिर में देर शाम कर्मचारियों की कुछ मांगे मान ली गई , जिसके बाद विकास भवन के अंदर कैद कर्मचारियों और अधिकारियों को बाहर जाने दिया गया।
इस दौरान यूनियन लीडर वरिंदर सिंह व अन्य साथियों ने बताया कि विभाग/ सरकार की ओर से उनकी कुछ मांगे मान ली गई है और कई अहम मांगे अभी अधूरी हैं। इसलिए आज धरने पर दूबारा से बैठक करके सभी साथियों से फैसला लिया जाएगा कि आगे क्या करना है तब तक वह अपने टैंट में शांतमयी ढंग से बैठेगें। दूसरी ओर से विकास भवन के आईएएस अधिकारी सुमित जारंगल ने बताया कि कर्मचारियों की कई मांगों को मान लिया गया है। लेकिन मगनरेगा स्कीम में पक्के किसी को नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह एक ठेका प्रणाली है और सभी को बता कर ही रखा जाता है। लेकिन यदि मांगों को पूरा किए जाने के बाद भी धरनाकारी धरना स्थल से नहीं हटते तो मजबूरन कानूनी कार्रवाई करते हुए धरनाकारियों को बर्खास्त भी किया जाएगा और नई भर्तियां भी की जाएंगी। क्योंकि काम को प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता है।
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