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जॉइंट रिसर्च और एक्सचेंज प्रोग्राम के मद्देनजर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में ‘‘यूएस स्टडी सेंटर’’ की स्थापना

मोहाली 23 सितंबर (विजय)। ‘‘भारत और अमेरिका दोनों देशों की सरकारें आपसी सहयोग बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और वर्तमान में इंडो-अमेरिका संबंध मजबूत हुए हैं। दोनो देश एकजुट होकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा इसी सहयोग को बढ़ावा देते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के प्रेसिडेंट जो बाइडन से मिल रहे हैं, जहां क्वाड मीटिंग में दोनों देशों में डिप्लोमेटिक, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारचर्चा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी।’’ ये श4द चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में ‘‘यूएस स्टडी सेंटर’’ के उद्घाटन समारोह के दौरान यूएस ए6बेसी के नॉर्थ इंडिया ऑफिस के डायरेक्टर माइकल रोजेंथल ने कहे। उद्घाटन समारोह में यूएस एम्बेसी के प्रतिनिधियों में नॉर्थ इंडिया ऑफिस में इ1नोमिक ऑफिसर ट्रेविस कोबर्ली, प4िलक डिप्लोमेसी एसोसिएट जुई भंडारे के साथ-साथ इ1नोमिक एंड पोलिटिकल स्पेशलिस्ट केवलिन चटवाल और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ. आरएस बावा विशेष तौर पर मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने छात्रों के लिए अमेरिका के टॉप शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से कैंपस में एक यूएस स्टडी सेंटर स्थापित किया है। गौरतलब है कि यह स्टडी सेंटर यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को अमेरिका में दीर्घकालिक और अल्पकालिक कार्यक्रमों, जॉइंट रिसर्च प्रोग्राम, वीजा इंटरव्यू की तैयारी, यूएसए इन-हाउस डिग्री प्रोग्राम और दोनों देशों के कल्चरल व सामाजिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में मह8वपूर्ण कारक सिद्ध होगा। इसके अलावा अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में नर्सिंग के लिए लाइसेंसिंग सुविधाएं प्रदान करने के लिए इस सेंटर में नेशनल काउंसिल लाइसेंस एग्जामिनेशन (एनसीएलईएक्स) के लिए ट्रेनिंग और तैयारी करवाई जाएगी।
सेंटर के सहयोग से, विद्यार्थी विशेष स्कॉलरशिप सुविधाओं के साथ अमेरिका के विश्वविद्यालयों में नामांकन करने में सक्षम होंगे। यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थापित यूएस स्टडी सेंटर में को-ऑर्डिनेशन ऑफिस ऑफ यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ अलाबामा और नॉर्थ इंडिया को-ऑर्डिनेशन ऑफ अर्कांसस स्टेट यूनिवर्सिटी के कार्यालय शामिल हैं, जो रिसर्च और एकेडमिक क्षेत्र में सहयोग करेंगे। यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान किए जा रहे इंटरनेशनल आर्टिक्यूलेशन प्रोग्राम और ट्रांसफ र एक्सचेंज कार्यक्रम के अलावा यह सेंटर एमबीए-इन हाउस प्रोग्राम की पेशकश करता है, जिसके तहत छात्र १ + १ प्रोग्राम के अंतर्गत एक साल चंडीगढ़ यूविर्सिटी कैंपस में पढ़ाई करेंगे और स्कॉलरशिप सुविधाओं के साथ शेष अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ अलबामा में पूरा करेंगे। कैंपस में स्थापित सेंटर अमेरिका के भागीदार विश्वविद्यालयों के सहयोग सेए जॉइंट कॉन्फ्रेंस, सेमिनारों, वर्कशॉप के साथ-साथ जॉइंट रिसर्च ए1िटविटिज का आयोजन करेगा, ताकि छात्रों को रिसर्च और इनोवेशन पर विश्व स्तरीय ज्ञान प्रदान किया जा सके। माइकल रोजेंथल ने कहा कि ने कहा कि हैल्थ, साइंस, टेक्नोलॉजी, कॉमर्स और एजुकेशन क्षेत्र में मजबूत संबंधों के साथ, भारत के लिए वस्तुओं और सेवाओं के मामले में अमेरिका शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार नई ऊंचाइयों को छू गया है और हाल के दिनों में 15० बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच मजबूत पीपल-टू-पीपल कने1शन, शैक्षणिक संस्थानों की साझेदारी, दोनों देशों के वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे जॉइंट रिसर्च कार्य भारत-अमेरिका साझेदारी के लिए मजबूती का मु2य स्रोत हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सेंटर एजुकेशनल ए1सचेंज और ज्यादा से ज्यादा साइंटिफिक रिसर्च और शिक्षा के अवसर को प्रोत्साहित करके निश्चय ही भारतीय छात्रों के साथ-साथ अमेरिकन छात्रों को लाभान्वित करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत सहित दुनियाभर के विद्यार्थियों का स्वागत करता है और हमारे पास उनके आवेदनों की समीक्षा करने की एक निश्चित प्रक्रिया है, फिर भी छात्रों के लिए यूएस एक स्वागत योग्य स्थान है। कोविड-19 के कारण दूसरे देशों से आने वाले छात्रों के लिए अमेरिका ने इस प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए हैं, परंतु हमारे सिद्धांत अमेरिका में भारतीय छात्रों को लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में अमेरिका और भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में साझेदारियां बढ़ी हैं और जॉइंट रिसर्च और ए1सचेंज प्रोग्राम के तहत दोनों देशों के स्टूडेंट और फैकल्टी एक-दूसरे से सीख रहे हैं, अमेरिका के छात्र भारत में पढऩे के लिए आ रहे हैं, जो अमेरिका और भारत के मजबूत एकेडमिक संबंधों को दर्शाता है। भारत की नई शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की न्यू एजुकेशन पॉलिसी-2०2० विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के साथ गठबंधन को प्रोत्साहित करती है और इस दिशा में आगे के विस्तार से दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थानों को लाभ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के अनेक विश्वविद्यालय, शैक्षणिक संस्थान और व्यक्ति विभिन्न रिसर्च कार्यक्रमों के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग करने में रुचि रखते हैं। डॉ. आरएस बावा ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूरोप सहित 68 देशों के 3०8 से अधिक टॉप विश्वविद्यालयों के साथ टाईअप किया है, ताकि विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार और गुणव8ाापूर्ण शिक्षा के अवसर प्रदान किए जा सकें। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ने अमेरिका के टॉप 25 विश्वविद्यालयों के साथ टाईअप किया है तथा अब तक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के 192 से अधिक विद्यार्थी डिज्नी कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम, सेमेस्टर और समर प्रोग्राम, इंटरनेशनल ट्रांसफर और मास्टर्स डिग्री जैसे विभिन्न प्रोग्रामों के तहत अमेरिका में पढ़ाई के लिए जा चुके हैं।

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