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मामला सवा तीन एक ड़ जमीन को पशु पालकों को देने का….

 

निगम में विरोधी पक्ष नहीं, ‘शहर विरोधी पक्ष ’ बन गया है आजाद ग्रुप बेदी
मोहाली 27 सितंबर (विजय)। मोहाली नगर निगम के डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने विरोधी पक्ष आजाद ग्रुप के पार्षदों की तरफ से एक पत्रकार सम्मेलन करके पशु पालकों को लीज पर जाने वाली लगभग सवा तीन एकड़ जमीन सम्बन्धित लाए  प्रस्ताव को को गैरकानून्नी बताने की निंदा करते इन आरोपों को बेबुनियाद और हास्यप्रद इकरार दिया है। विरोधी पक्ष आजाद ग्रुप ने गत दिवस पत्रकार सम्मेलन में आरोप लगाया था कि गमाडा ने यह जमीन नगर निगम मोहाली को लीज पर दी है और निगम इसको गैरकानून्नी ढंग के साथ पशु पालकों को सब लीज नहीं कर सकती। विरोधी पक्ष ने यह भी आरोप लगाया था कि ऐसा मंत्री सिद्धू और मेयर की टीम की तरफ से इस महँगी जमीन को अपने कब्जे के अधीन लेने के लिए किया जा रहा है।
उपरोक्त मामले पर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने कहा कि आजाद ग्रुप का विरोध का स्तर इतना निचला हो गया है कि अब वह लोगों के अहम मसलों के हल के लिए उठाए जाते कदमों का भी विरोध करने पर उतारू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मोहाली शहर में निगम अधीन आते गाँवों में जिन लोगों के पास पशु हैं, वह अपने पशूओं को शहर में छोड़ते हैं जिस करके हादसे भी होते हैं, कीमती जानें भी जातीं हैं और सीवरेज भी जाम होता है। इस लिए निगम की तरफ से गमाडा से मिली लगभग साढृे 13 एकड़ जमीन में से सवा तीन एकड़ जमीन में 1000 के लगभग पशूओं को ने जाने के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है। उन्होंने कहा कि बल्कि विरोधी पक्ष को इसकी सराहना करनी चाहिए थी परन्तु सिर्फ फोकी शोहरत के लिए इतने महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर भी यह विरोधी पक्ष सवाल खड़े कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि निगम शहर में से पशु बाहर निकाल कर एक भी जान बचाने में कामयाब होती है तो वह अपने आप को सफल समझेंगे। उन्होंने कहा कि जहाँ तक विधायक सिद्धू पर लगाए गए जमीन के कब्जे करने का आरोप है तो इस सम्बन्धित स्पष्ट किया जाता है कि हरेक पशु पालक से प्रति पशु के हिसाब के साथ हर महीने का किराया इस जमीन का लिया जाना है और जमीन के किराये सम्बन्धित पूरा काम पारदर्शिता के साथ होगा। उन्होंने कहा कि विरोधी पक्ष भी जानती है कि किन लोगों के पास इन गाँवों में पशु हैं और इस सम्बन्धित बाकायदा सर्वे भी किया जा चुका है।
डिप्टी मेयर ने यह स्पष्ट करते कहा कि विरोधी पक्ष का यह आरोपा  ही गलत है कि यह जमीन गमाडा ने निगम को लीज पर दी है। उन्होने कहा कि यह ज़मीन गमाडा ने निगम को अलाट की हुई है और इस जमीन पर नाजायज तौर पर फसल बीजी हुई है जिस बारे पिछली निगम (जिस पर अजााद ग्रुप जो कि पहले अकाली दल था, काबिज था) और इसने कभी भी इस जमीन का कब्जा लेने का यत्न ही नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब उन्हों ने इस ज़मीन का पता लगा कर इसका कब्जा लिया है और इसके एक टुकड़े के द्वारा शहर की इतनी बड़ी समस्या का हल करने का यत्न किया जा रहा है तो इस में भी विरोधी पक्ष अटकलें गलाने से बाज नहीं आ रहा।
उन्होंने कहा कि असली बात यह है कि विरोधी पक्ष को निगम चुनाव में मुँह की खानी पड़ृी  है और विरोधी पक्ष को यह भी पता है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी इसकी हालत बुरी होनी है इस लिए बौखलाहट में यह पक्ष बेबुनियाद और हासोहीने, बचकाने सवाल खड़े कर रही है। उन्होंने कहा कि यह विरोधी पक्ष निगम की विरोधी पक्ष नहीं बल्कि ‘शहर विरोधी ’ पक्ष बन गई है और मोहाली के बुद्धिमान लोग इन को कभी माफ नहीं करेंगे।

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