भारतीय शिक्षा प्रणाली पूरी दुनिया के लिए एक ब्रांड के रूप में उभरी है:मनोज कुमार
मोहाली 28 सितंबर (विजय)। ‘‘भारत अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को सस्ती और गुणव8ाापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है। वैश्विक स्तर पर भारतीय शिक्षा प्रणाली की क्षमता का पूर्ण इस्तेमाल नहीं हो पाया है, 1योंकि भारत में 8०० से अधिक विश्वविद्यालय और 1००० कॉलेज हैं। महामारी के दौरान, ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा में बदलाव ने एक ऐसा रास्ता तैयार किया है, जहां गुणव8ाापूर्ण शिक्षा सभी के लिए सुलभ है।’’ ये शब्द चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घडूआं द्वारा आयोजित डिप्लोमेटिक कॉन्1लेव के दौरान बतौर स6माननीय अतिथि पहुंचे एडसिल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहे। यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित 2 दिवसीय डिप्लोमैटिक कॉन्1लेव के दौरान केंद्रीय विदेश और संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन बतौर मु2यातिथि कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए, वहीं ईरान, युगांडा, बांग्लादेश, अर्जेंटीना, मलावी, तंजानिया, जि6बावे, भूटान और मिस्त्र सहित 24 देशों के प्र2यात ए6बेसेडरों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में पहुंचकर शैक्षणिक क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग को बढ़ाने के लिए आगामी योजनाओं पर विचार-चर्चा की। इसके अलावा एडसिल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरे1टर मनोज कुमार ने बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू और प्रो.चांसलर डॉ. आरएस बावा विशेष तौर पर मौजूद रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनोज कुमार ने कहा कि विभिन्न देशों के ए6बेसेडरों और प्रतिनिधियों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया और इनपुट वास्तव में महत्वपूर्ण हैं और हम भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर इस डिप्लोमैटिक कॉन्1लेव के परिणामों को अपनी स्टडी इन इंडिया पहल में शामिल करने के लिए काम करेंगे। शिक्षा मंत्रालय के निर्देशन में एडसिल ने भारतीय संस्थानों की मांग करने वाले संभावित देशों की पहचान करना शुरू किया है, शुरुआत में केवल 25 देशों की पहचान की गई थी, जो कि अब 48 हो गए हैं। स्टडी इन इंडिया के तहत भारत में, 164 से अधिक संस्थान अध्ययन के तहत आते हैं। भारतीय शिक्षा प्रणाली अब एक प्रसिद्ध ब्रांड है। आवेदन से लेकर प्रवेश तक सब कुछ अब एक ऑनलाइन और पारदर्शी मोड में किया जाता है। स्टडी इन इंडिया जल्द ही अपने मोबाइल एप्लिकेशन के साथ आ रहा है, जो छात्रों को स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के तहत आसानी से रजिस्टर करने में मदद करेगा।
एडसिल के चीफ जनरल मैनेजर श्री सदीप गोयल ने स्टडी इन-इंडिया प्रोग्राम के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा नैक और एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर देश की टॉप 164 संस्थानों को इस प्रोग्राम के तहत चयनित किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत के विश्वविद्यालयों में प्राप्त डिग्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थान भारत के साथ ए1सचेंज प्रोग्राम करना चाहते हैं, तो स्टडी-इन-इंडिया के साथ संपर्क करें, हम भारतीय शैक्षणिक संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में आदान-प्रदान के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने में सहयोग देंगे। वी. मुरलीधरन ने कहा कि रााष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2०2०) वाकेशनल कोर्सों सहित कौशलए उद्यमिता और गुणव8ाा में उत्कृष्टता पर ध्यान देने के साथ उच्च शिक्षा को और अधिक समग्र और मल्टीडिसिप्लिनरी बना कर इसमें अमूलभूत परिवर्तन लाएगी। एनईपी-2०2० उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण में भारतीय दृष्टिकोण को विकसित करने पर जोर देगी, जिसके लिए विदेश मंत्रालय भारतीय ए6बेसेडरों और सलाहकारों के माध्यम से विदेशी वार्ताकार के साथ एनईपी को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है। वी. मुरलीधरन ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत को एक वैश्विक ज्ञान का केंद्र बनाने के उद्देश्य से 34 साल पुरानी राष्ट्रीय नीति के स्थान पर जुलाई 2०2० में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पेश की गई, जो शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी और गुणात्मक बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि अपने मल्टीडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण लचीले पाठ्यक्रम, विषयों के रचनात्मक संयोजन और व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण के साथ, एनईपी-2०2० भारत को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा का केंद्र बनाने की दिशा में एक बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में कार्य करेगी।
सेशन को संबोधित करते हुए रिप4िलक ऑफ चिली, न्यू दिल्ली के ए6बेसेडर, जुआन रोलांडो अंगुलो मोनसाल्वे ने कहा कि साइंस, टे1नोलॉजी और शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देते हुए वैल्यू एडेड ए1सचेंज प्रोग्राम और विकास आधारित ज्ञान पर ध्यान देना होगा।
भारत में मे1िसको के ए6बेसेडर फेडेरिको सालास लोटफे ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से मे1िसको भारत से बहुत दूर है, लेकिन आजकल क6युनिकेशन से वास्तव में यह दूरी छात्रों और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क को बेहतर बनाने के लिए घनिष्ठ संबंधों में एक बाधा नहीं रही है। उन्होंने कहा कि वे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और मे1िसको के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक परिवर्तन की प्रक्रिया को आसान बनाने, छात्रों के लिए विभिन्न देशों में रहने की मान्यता और विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के लिए रणनीतिक प्रयासों को बढ़ावा देना चाहते हैं। ह्यूगो जेवियर गोबीक ने कहा कि हमारे पास टे1नोलॉजी आधारित कृषि प्रणाली है और भारत और अर्जेटीना ए1सचेंज प्रोग्राम के साथ कृषि, आईटी क्षेत्र में एक साथ काम करने के साथ-साथ सैटेलाइट और स्पेस क्षेत्र में सहयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर बोलते हुए, गा6िबया हाईकमीशन, नई दिल्ली के डिप्टी हेड ऑफ मिशन, लामिन सिंहटेह ने कहा कि भारत और गा6िबया तकनीकी विकास के क्षेत्र में सहयोग कर सकते हैं, जो गा6िबया के आर्थिक विकास के लिए भी फायदेमंद होगा।
ए6बेसी ऑफ युगांडा से हाई कमिश्नर ग्रेस एकेलो ने कहा कि अफ्रीकी छात्रों को भी उद्योग में व्यावहारिक प्रशिक्षण का अवसर मिलना चाहिए तथा अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए प्रै1िटकल नॉलेज इंजीनियरिंग और नर्सिंग जैसे कार्सों में का हिस्सा होना चाहिए तथा अफ्रीकी सरकार के अनुसार अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए गारंटीकृत रोजगार की आवश्यकता है। विश्व स्तर के उद्योगों की जरूरतों की बेहतर समझ हासिल करने के लिएए भारतीय उद्योगों में इंटर्नशिप और औद्योगिक दौरों के माध्यम से अफ्रीकी छात्रों को अवसर प्रदान करने होंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, आवास और खाद्य और पेय सुविधाओं में सुधार करें, ताकि अधिक से अधिक छात्र स्टडी इन इंडिया के तहत भारत में अध्ययन के लिए आएं और घर जैसा महसूस करें।
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