भारत में ताइवान की एम्बेसी के साथ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं ने किया एकेडमिक टाईअप ताइवान के ए6बेसेडर बौशुआन गेर ने किए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
मोहाली 5 अक्तूबर (विजय)। भारत और ताइवान के बीच एकेडमिक और कल्चरल रिलेशन को बढ़ावा देने के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं द्वारा ताइपे इकॉनोमिक एंड कल्चरल सेंटर (टीईसीसी) के साथ टाइअप किया गया है। दोनों देशों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संयुक्त शैक्षणिक प्रयासों और रिसर्च प्रोजेक्ट्स में भागीदारी को मजबूत करने के लिए भारत में ताइवान के एबेसेडर बौशुआन गेर, एजुकेशन डिविजन के डायरैक्टर, पीटर्स चेन और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू, कारपोरेट रिलेशंस की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हिमानी सूद द्वारा अकादमिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा, ताइवान और भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग की सुविधा के लिए ताइपे इकॉनोमिक एंड कल्चरल सेंटर का शिक्षा विभाग चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में मंदारिन लैंग्वेज कोर्स के लिए शैक्षणिक मॉडल का आधार स्थापित करने में मदद करेगा, जिसके अंतर्गत यूनिवर्सिटी द्वारा अपने कैंपस में ताइवान एजुकेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा, जो छात्रों को मंदारिन भाषा कोर्स की पेशकश करेगा।
इस अवसर पर बात करते हुए ए6बेसेडर बौशुआन गेर ने कहा कि वर्तमान में ताइवान में 1 लाख से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन इनमें भारतीय छात्रों का अनुपात बहुत कम है, इसलिए ताइवान भारत के ज्यादा से ज्यादा छात्रों को देश में आकर्षित करने का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थानों में हुआ यह समझौता ज्ञापन निश्चित रूप से अधिक भारतीय छात्रों को ताइवान में पढ़ाई के उचित अवसर व उपयुक्त माहौल प्रदान के लिए प्रोत्साहित करेगा। बौशुआन गेर ने आगे कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारतीय छात्रों को न केवल ताइवान में उच्च शिक्षा के उचित अवसर प्रदान करेगा, बल्कि छात्रों को मंदारिन सीखने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि इस टाइअप के माध्यम से भारतीय छात्र ताइवान की आधिकारिक भाषा में कौशल विकास के साथ-साथ भविष्य के मद्देनजर ताइवान के साथ स्थापित एक उपयुक्त नेटवर्क का लाभ उठा सकते हैं।
बौशुआन गेर ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और ताइवान के विश्वविद्यालयों तथा शैक्षणिक संस्थानों के बीच एमओयू ए1सचेंज प्रोग्राम और रिसर्च के क्षेत्र में साझेदारी के लिए द्विपक्षीय सहयोग को बेहतर बनाने में भी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि ताइवान में भारत से बहुत सीमित सं2या में पर्यटक आते हैं, इसलिए इस एमओयू के माध्यम से भारतीय छात्र दोनों देशों के बीच एक सेतु का काम करेंगे तथा अधिक से अधिक भारतीय लोग ताइवान की ओर आकर्षित होंगे।
इस अवसर पर बात करते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि छात्रों को वैश्विक स्तर पर शिक्षा और रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी दुनियाभर के 312 से अधिक टॉप विश्वविद्यालयों/ शैक्षणिक संस्थानों के साथ गठबंधन करके उत्तर भारत की पहली यूनिवर्सिटी बन चुकी है, जिनमें से 17 विश्वविद्यालय ताइवान के हैं। उन्होंने कहा कि टीईसीसी शिक्षा विभाग के माध्यम से मंदारिन भाषा के कोर्स और मूल्यांकन को डिजाइन करने वाले विशेषज्ञ यूनिवर्सिटी कैंपस में आएंगे तथा सामान्य उद्देश्यों के लिए आवश्यक सेमेस्टर की अवधि में यूनिवर्सिटी के छात्रों को मंदारिन भाषा कोर्स के तहत पढ़ाएंगे। इसके अलावा ताइवान के साथ अकादमिक संबंधो को और बेहतर बनाने के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में शीघ्र ही ताइवान एजुकेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी, जो विदेशी ए1सपट्र्स के साथ छात्रों को मंदारिन सीखने के अवसर मुहैया करवाने के साथ-साथ दोनों देशों में द्विपक्षीय संबंध, ए1सचेंज प्रोग्राम, रिसर्च प्रोग्राम के संबंध में कक्षाएं, सेमिनार आयोजित करवाएगा। संधू ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारत और ताइवान के बीच घनिष्ठ शैक्षणिक सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा तथा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और ताइवान के विश्वविद्यालयों के बीच एकेडमिक लर्निंग, रिसर्च अकादमिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा।
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