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युवाओं को लोकतंत्र और देश के संविधान से जोडऩे के उद्देश्य से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में बाबासाहेब ‘भीमराव अंबेडकर नेशनल यूथ पार्लियामेंट-2०21’ का आगाज

मोहाली 14 अक्तूबर (विजय)।  ‘हमारा देश दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्रों में से एक है, जबकि हमारा लोकतंत्र हमारी जीवनशैली, हमारी सोच और हमारे कार्यों पर आधारित है। युवा पीढ़ी को लोकतंत्र की संस्थाओं, प्रक्रियाओं और तरीकों से अवगत करवाना समय की मांग है । ये शब्द लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहे। वहचंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं द्वारा आयोजित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर नेशनल यूथ पार्लियामेंट-2०21 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान सांसद मनीष तिवारी, सांसद रितेश पांडेय और हरियाणा के श्रम विभाग के अतिरिक्त मु2य सचिव डॉ. राजा शेखर वंद्रू (आईएएस) विशेष तौर पर मौजूद रहे। गौरतलब चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय युवा संसद का आयोजन किया गया है। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर नेशनल यूथ पार्लियामेंट-2०21 के दौरान पहले राउंड में देशभर के 317 विश्वविद्यालयों के लगभग 2००० छात्रों ने हिस्सा लिया, जिसके उपरांत दूसरे राउंड में 12० विश्वविद्यालयों के 19० विद्यार्थी भाग लेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बाबा साहब बीआर अंबेडकर और अन्य महान हस्तियों द्वारा तैयार किए गए हमारे संविधान ने एक मजबूत संघीय राज्य के साथ-साथ नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों के लिए एक आदर्श ढांचे की नींव रखी है, जिसकी बदौलत आजादी के 75 साल के सफर में हमारा लोकतंत्र लगातार मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि समाज और खासकर युवा पीढ़ी को संविधान के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष केवाईसी कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है।

 मनीष तिवारी ने नेशनल यूथ पार्लियामेंट में भाग लेने वाले छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पार्लियामेंट एक इंस्टीट्यूशन है, जो वर्तमान में डेमोग्राफिस प्रोसेस और राष्ट्रीय पहलुओं के संबंध में अंसगत बन चुका है। वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र का एक अपना इतिहास है। आधुनिक भारत के निर्माता भीमराव अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू तथा अन्य प्रबुद्ध और दूरदर्शी व्यक्ति थे, जो देशवासियों को आधुनिक राष्ट्र की अवधारणा को समझाने के लिए कई दशकों तक ब्रिटिश जेलों में रहे हैं। रितेश पांडे ने कहा कि आंगनबाडी कार्यकर्ता तीन विभागों स्वास्थ्य, पोषण और जनगणना के लिए सेवाएं प्रदान करती हैं, लेकिन उनका पारिश्रमिक स6मानजनक नहीं है, जिस पर विचार करने की आवश्यकता है।  जबकि डॉ. राजा शेखर वंद्रू (आईएएस) ने चुनाव प्रणाली में फस्र्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम की बात करते हुए कहा कि वर्तमान में वोटों का एकीकरण नहीं है।

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