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बलौंगी में कई जगह पड़ा प्लास्टिक का कचरा डेंगू के मामलों का प्रमुख कारण : जिला स्वास्थ्य विभाग

मोहाली, 26 अक्तूबर (pawan kumar mohali ) । डेंगू बुखार के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला एपीडीमोलोजिस्ट डा. विक्रांत नागरा ने अपनी टीम के साथ स्थानीय गांव बलौंगी में विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया। काबिलेजिक्र है कि बलौंगी में अब तक डेंगू बुखार के 211 मामले सामने आ चुके हैं। इस सबंधी डा. नागरा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम के दौरे का उद्देश्य यह पता लगाना था कि इतने मामले अकेले बलौंगी से क्यों सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि दौरे के दौरान टीम ने देखा कि बलौंगी में कई जगहों पर काफी गंदगी है, विशेषकर खाली बोतलें, डिस्पोजेबल गिलासों और घरों की छतों सहित विभिन्न स्थानों पर प्लास्टिक का कचरा बिखरा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का कचरा मच्छरों के लिए सबसे उपयुक्त प्रजनन स्थान है, क्योंकि खाली बोतलें, गिलास और अन्य सामान में बारिश आदि का पानी इकट्ठा हो जाता है, जिसमें मच्छर स्वाभाविक रूप से प्रजनन करते हैं। उन्होंने बताया कि कई लोगों ने घरों में बड़ी मात्रा में पानी जमा कर रखा है, जहां मच्छरों के लार्वा जमा हो रहा है और थाने के सामने लगती मंडी की स्थिति काफी खराब है। थाने के सामने व अन्दर बड़ी संख्या में खराब वाहन खड़े होते हैं, जिनमें पानी जमा होता रहता है, जो मच्छरों के प्रजनन का स्थान बनते हैं। उन्होंने कहा कि जितना अधिक प्लास्टिक कचरा जमा होगा, उससे यह स्पष्ट है कि उनमें खड़े पानी से मच्छर पैदा होंगे। उन्होंने ग्राम पंचायत व संबंधित विभागों से प्लास्टिक कचरे को तत्काल साफ करने की अपील करते हुए लोगों से कहा कि वे अपने घरों में जरूरत से अतिरिक्त पानी जमा न करें और कूलरों, पुराने टायरों, फ्रिज की ट्रे, गमलों आदि में पानी जमा न होने दें। उन्होंने लोगों से निजी अस्पतालों/लैबों के बजाए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जांच करवाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग डेंगू के मामलों को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और लोगों को इस घातक बीमारी से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें पूरी तनदेही के साथ मैदान में डटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज-कल पूरा शरीर ढकने वाले कपड़े पहनें और यदि कोई संदिग्ध डेंगू पीडि़त है तो उसकी तुरंत नज़दीकी अस्पताल में जाकर जांच करवाई जाए। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में डेंगू की जांच व उपचार बिल्कुल नि:शुल्क होता है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग की हैल्प लाईन नं. 104 पर सम्पर्क किया जा सकता है। इस दौरे के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों को अपने घर तथा आस-पास कहीं भी पानी जमा न होने देने की अपील करते हुए आवश्यक सावधानियों से अवगत करवाया। इस टीम में हैल्थ इंस्पैक्टर गुरप्रीत ङ्क्षसह, बलजीत ङ्क्षसह, दविंदर ङ्क्षसह आदि शामिल थे।

बकरी का दूध, कीवी फल या नारियल पानी प्लेटलेट्स में वृद्धि करने में नहीं होते सहायक

मोहाली। डा. नागरा ने कहा कि आम तौर पर किसी भी प्रकार के बुखार से शरीर में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, परन्तु बकरी का दूध, कीवी फल या नारियल पानी प्लेटलेट्स में वृद्धि करने के लिए विशेष तौर पर सहायक नहीं होते। इस लिए मरीज को तरल पदार्थों जैसे पानी, जूस, निम्बू पानी, नारियल पानी आदि का अधिक से अधिक एवं प्रतिदिन कम से कम दो लिटर पानी का सेवन करना चाहिए जोकि आम स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि तरल पदार्थ शरीर में पानी की कमी न होने देने के साथ-साथ शरीर को आवश्यक पौषक तत्व भी प्रदान करते हैं।
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डेंगू बुखर के लक्ष्ण :
मोहाली। डेंगू बुखार एडीज़ एजिप्टी नामक मच्छर के काटने से होता है और इसके आम लक्षणों में तेज़ सिरदर्द, तेज़ बुखार, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, आंख के पिछले हिस्से में दर्द, हालत खराब होने पर नाक, मुंह तथा मसूड़ों से खून आना, मन कच्चा होना और उल्टी आना शामिल हैं। डेंगू फैलाने वाले मच्छर जमा हुए/खड़े साफ पानी, कूलर, पानी की टंकियों, फ्लावर पॉट, रेफ्रिजरेटर के पीछे ट्रे, टूटे-फूटे/फेंके हुए बर्तन खाली टायर तथा पानी के कंटेनर आदि में जमा पानी में पनपते हैं।

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