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लम्बे समय का हेपेटाइटिस बी या सी संक्रमण लीवर के जोखिम को सकता है बढ़ा : डा. प्रियांशु चौधरी

मोहाली 28 अक्तूबर (विजय)। लीवर सबसे बड़ा आंतरिक अंग है। यह आपके दाहिने फेफड़े के नीचे आपकी दाहिनी पसलियों के नीचे स्थित है। लीवर कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो लीवर में / के  अंदर  शुरू होता है। वयस्कों में यकृत कैंसर का सबसे आम रूप हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (एचसीसी) है। भारत में हर साल 34,000 से अधिक रोगियों में लीवर कैंसर का पता चलता है, जबकि लगभग 33000 की इसके मृत्यु हो जाती हैं। यह 40-70 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करनेवाली और महिलाओं की तुलना में पुरुषों में 4 गुना अधिक आम बीमारी  है।
डॉ प्रियांशु चौधरी, कंसलटेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, शैल्बी हास्पिटल मोहाली ने कहा कि कई कारक / कारण व्यक्ति के लीवर कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। सबसे आम जोखिम कारक हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) या हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) के साथ लंबे समय से संक्रमण है। अन्य जोखिम कारक आयु, सिरोसिस, भारी मात्रा में शराब का उपयोग, मोटापा, टाइप 2 मधुमेह आदि हो सकते हैं।
डॉ प्रियांशु चौधरी ने आगे कहा कि लिवर कैंसर के खतरे को रोका जा सकता है – 1) हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण से बचें और इलाज करें; 2) शराब और तंबाकू का उपयोग सीमित करें, 3) वजन नियंत्रण में रखे, 3) कैंसर पैदा करने वाले रसायनों के संपर्क को सीमित करें और 4) लीवर कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाली बीमारियों का इलाज करें। लीवर कैंसर का जल्दी पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है क्योंकि लक्षण अक्सर तब तक प्रकट नहीं होते जब तक कि यह अपने आखरी चरणों में न हो। उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए परीक्षण की सिफारिश की जाती है।
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लीवर कैंसर के लक्षण गैर-विशिष्ट हो सकते हैं।
अस्पष्टीकृत / बेवजह वजन घटना,भूख में कमी,कम भोजन के बाद बहुत पेट भरा महसूस होना,उलटी अथवा मिचलाना,बढ़ा हुआ लीवर, दाहिनी ओर की पसलियों के नीचे भारीपन महसूस होना,बढ़ी हुई प्लीहा, बाईं ओर की पसलियों के नीचे भारीपन महसूस होना,पेट में या दाहिने कंधे के ब्लेड के पास दर्द,पेट में सूजन या तरल पदार्थ का निर्माण,एक या अधिक लक्षण होने का मतलब यह नहीं है कि आपको लीवर कैंसर है। फिर भी, यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण है, तो यह महत्वपूर्ण है कि डॉक्टर द्वारा उनकी जांच की जाए ताकि कारण का पता लगाया जा सके।
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लिवर कैंसर के इलाज के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं।
सर्जरी – लीवर कैंसर को ठीक करने का सबसे अच्छा विकल्प या तो सर्जरी है या लीवर ट्रांसप्लांट,एब्लैशन- यह एक ऐसा उपचार है जो यकृत के ट्यूमर को बिना निकाले नष्ट कर देता है,एम्बोलाइजेशन -यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो लीवर में ट्यूमर को रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध करने या कम करने के लिए सीधे लीवर की धमनी में पदार्थों / औषधियों को इंजेक्ट करती है। विकिरण चिकित्सा – कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए उच्च-ऊर्जा किरणों (या कणों) का उपयोग करती है। टार्गेटेड ड्रग थेरेपी – कीमोथेरेपी की तरह, ये दवाएं रक्तप्रवाह में प्रवेश करती हैं और शरीर के लगभग सभी क्षेत्रों तक पहुंचती हैं, जो उन्हें शरीर के दूर के हिस्सों में फैलने वाले कैंसर के खिलाफ उपयोगी बनाती हैं। इम्यूनोथेरेपी -यह दवाओं का उपयोग है जो किसी व्यक्ति की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं को खोजने और नष्ट करने में मदद करता है। उपचार का चुनाव कैंसर की सीमा के साथ-साथ रोगी प्रोफाइल पर निर्भर करता है और यह उपचार करने वाले ऑन्कोलॉजिस्ट के विवेक पर निर्भर करता है।

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